फोर्थ इंडिया न्यूज़- महिला हेल्प लाइन 1090 पर नवनीत सिकेरा ने जारी किया वीडियो

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को बरकारार रखने के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन भी सदैव तत्पर रहता है। इसी क्रम में सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा (protection) के लिए वूमेन पावर हेल्पलाइन-1090 की शुरुआत की थी।

बीते साल में लड़कियों की ओर से आने वाली शिकायतों की संख्या सबसे ज्यादा रही। यह एक बड़ी सफलता है, अब लड़कियां अपनी चुप्पी तोड़ रही हैं। इसमें एक और बात जो निकल कर आ रही है, वह है समय सीमा। पहले घटना के कई महीने बाद कोई लड़की आवाज उठाती थी लेकिन अब यह ड्यूरेशन कम हो गई है।


लड़कियां बोलती हैं बेबाक

अब लड़कियों का मानना है कि राह चलते अगर हमसे कोई छेड़खानी करेगा तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। फोन पर कोई अश्लील मेसेज भेजे या कॉल करे, बर्दाश्त नहीं करेंगे। हिंसा, छेड़खानी और उत्पीड़न के खिलाफ चुप्पी तोड़ने के लिए लड़कियों और महिलाओं ने खुद से वादा कर लिया है कि चाहे जो भी हो, गलत बात न बर्दाश्त करेंगी और न दूसरी महिलाओं को करने देंगी।

पढ़ी-लिखी महिलाओं ने दर्ज कराई शिकायतें

1090 के मुताबिक, प्रदेश के सात बड़े शहरों की पढ़ी-लिखी महिलाओं ने सबसे ज्यादा मामले दर्ज करवाए हैं। इसमें लखनऊ पहले नंबर पर है।

2017 में प्रदेश में 8,60,593 शिकायतें वुमन पावर लाइन में दर्ज की गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा शिकायतें अकेले प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हैं।

 

आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा शिकायतें कानपुर, इलाहाबाद, बनारस, आगरा और जौनपुर में दर्ज की गई हैं। इन शहरों की महिलाओं ने अपने साथ होने वाले उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ बेबाकी से आवाज उठाई है।

आंकड़ों में हुई है बढ़ोत्तरी

आंकड़ों में सामने आया है कि 2017 में 33,55,764 महिलाएं घरेलू हिंसा और उत्पीड़न का शिकार हुईं। 3,99,444 मामलों में स्टूडेंट्स के साथ छेड़छाड़ और हिंसा की घटनाएं हुईं। 1,25,385 शिकायतें कामकाजी महिलाओं की आईं।

नौकरी और कारोबार से जुड़ी महिलाओं में जागरूकता और विरोध की क्षमता होने की वजह से उनके साथ छेड़छाड़ करने की हिम्मत लोग कम जुटा पाते हैं। वहीं, छात्राएं छेड़खानी के मामलों में डर जाती हैं। ऐसे मामलों में डरकर नहीं बल्कि डटकर सामना करना चाहिए।