भाजपा सरकार में किसानों के साथ ऋणमाफी कार्यक्रम के नाम पर मजाक किया -SP

लखनऊ। (नितिन कुमार ) राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव के निर्देशानुसार राज्य की प्रत्येक तहसील पर कासगंज जिला छोड़कर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किसानों की समस्याओं को लेकर किया गया धरना पूर्णतः सफल रहा। किसानों के साथ भाजपा सरकार के दस महीने के कार्यकाल में हुए धोखे, धान की खरीद में लूट, खाद-बीज न मिलना, बिजली के दामों में बेतहाशा वृद्धि, गन्ना भुगतान का बकाया, ऋणमाफी में किसानों के साथ छल आदि मुद्दों को लेकर तहसील पर औसत पांच हजार किसानों एवं कार्यकर्Ÿााओं ने धरना दिया।
धरना स्थल पर किसानों की व्यथा यह भी थी कि छुट्टा पशु उनकी फसल चैपट कर रहे हैं। एक तो भाजपा सरकार किसानों के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रही है वहीं छुट्टा पशु भी किसानों के दुश्मन हो गये हैं। किसानों पर तो दोहरी मार पड़ रही है।

राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार में जनता का भरोसा नहीं रह गया। कासगंज में हुयी सांप्रदायिक घटना ने यह साबित कर दिया कि इस सरकार में अमन-चैन कायम नहीं रह सकता। सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने में यह सरकार अमादा हैं। लचर कानून व्यवस्था की वजह से पूरे प्रदेश में अराजकता व्याप्त है। विगत दस माह में उत्तर प्रदेश में समाज का कोई भी वर्ग सुरक्षित नहीं है।


चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों के साथ ऋणमाफी कार्यक्रम के नाम पर मजाक किया गया है। किसानों के सभी प्रकार के ऋण माफ न कर उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है। जिससे किसान आत्महत्या को मजबूर है। विद्युत दरों में वृद्धि से किसान दहषत में है। खाद-बीज की अनुपलब्धता से किसानों की परेशनी बढ़ गयी है। शासन-प्रशासन की उदासीनता से अन्नदाता की हालत चिंताजनक हो गयी है। आलू उत्पादन में लगी लागत को न देकर भाजपा सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। आलू किसान बर्बाद हो गये जिसकी वजह से अन्नदाता कर्जदार हैं। धान उत्पादक किसानों को भी उत्पादन लागत नहीं मिल सका। इसके अतिरिक्त गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान भी नहीं हुआ है। आलू-गन्ना किसानों की तबाही की सुध लेने की जगह सरकार किसानों से अपराधियों जैसा बर्ताव कर रही है। आलू किसानों की नयी फसल का क्या होगा। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।

मुख्य प्रवक्ता  चौधरी ने कहा कि समाजवादी सरकार में किसानों, नौजवानों, अल्पसंख्यकों सहित समाज के कमजोर तबके को ऊपर उठाने की दिशा में गंभीर प्रयास हुआ था जिसके कारण खेत-खलिहान में समृद्धि आयी थी और अन्नदाता खुशहाल हुआ था। लेकिन भाजपा की सरकार ने  अखिलेश यादव द्वारा जनता के हित में शुरू की गयी जनकल्याण की नीतियों को खत्म करने का काम किया है। भाजपा का यह चरित्र जनविरोधी और आलोकतांत्रिक है।