यूपी में शिवपाल के भड़काने पर भी नहीं भड़के मुलायम, अखिलेश के खिलाफ कुछ नहीं बोले

लखनऊ : सियासी मैदान इटावा इटावा में मंगलवार को शक्ति प्रदर्शन के दौरान भाई शिवपाल सिंह यादव के उकसाने के बावजूद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पुत्र अखिलेश यादव के खिलाफ कुछ नहीं बोले. स्वतंत्रता दिवस पर आज ‘मुलायम के लोग’ संगठन के शहीदों के नाम श्रद्धांजलि यात्रा के अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा विधायक शिवपाल सिंह यादव के शक्ति प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने पुत्र और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ कुछ नहीं बोला।

जनता की नब्ज टटोलते रहे मुलायम 

शिवपाल सिंह यादव ने मंच से ही समाजवादी पार्टी को कमजोर करने वालों को लेकर जमकर भड़ास निकाली और उन्होंने इस प्रकरण पर मुलायम सिंह यादव से फैसला लेने को कहा. इसके बाद भी मुलायम सिंह यादव ने अपने करीब आधे घंटे के भाषण में वहां पर मौजूद जनता की नब्ज को टटोलते रहे. इटावा व आसपास के जनपदों से बड़ी संख्या में लोग मुलायम सिंह यादव को सुनने आए थे. मुलायम सिंह यादव ने अपने भाषण में स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया और कहा जब वह रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने पाकिस्तान को देश की सीमा को बचाने के लिए करार जवाब दिया था. आज चीन से हम कमजोर नहीं हैं. उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में लोहिया, जय प्रकाश नारायण के योगदान को गिनाया और कहा कि देश के सामने भुखमरी, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार जैसे समस्याएं खड़ी हैं. समाजवादी पार्टी की नीतियों को सही ठहराते हुए उसकी कथनी करनी में कोई अंतर नहीं बताया. नौजवानों को संकल्प दिलाया कि वह सब अन्याय का विरोध करें और न्याय का साथ दें.

शहीदों को याद करने की जरूरत है आज 

 

इससे पहले शिवपाल यादव ने कहा कि आज शहीदों को याद करने की जरूरत है. उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े लोगों का सम्मान बनाए रखने की जरूरत है. देश में समाजवादियों ने भी स्वतंत्रता आंदोलन में महती भूमिका निभाई थी. उन्होंने कहा कि नेता जी की मेहनत से समाजवादी पार्टी खड़ी हुई थी, लेकिन अब कमजोर हो रही है. जिन्होंने कोई मेहनत नहीं की वे सरकार को कमजोर कर रहे हैं. कुछ लोग समाजवादी पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. एक जनवरी 2017 को नेता जी का अपमान किया गया, अगर यह अपमान नहीं होता तो उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार फिर बनती. अपमान न होता तो राजनीति दूसरी होती.

 

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