राज्यसभा चुनाव: बीजेपी के ‘चक्रव्यूह’ को भेदकर यूं निकले अहमद पटेल

नई दिल्ली- बागी शंकर सिंह वाघेला खेमे की क्रॉस वोटिंग और बीजेपी चीफ अमित शाह की सभी कोशिशों के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल राज्यसभा चुनाव जीतने में कामयाब हुए। राज्यसभा चुनाव में शायद ही कभी ऐसा हाई वोल्टेज ड्रामा देखा गया हो। मंगलवार सुबह हुई वोटिंग के बाद गिनती देर रात शुरू हुई और पटेल जरूरी वोट हासिल करने में सफल हुए। शाह के अलावा स्मृति इरानी भी विजयी रहे, लेकिन पटेल की जीत ने बीजेपी की कामयाबी की खुशी को कमतर कर दिया।

दो विधायकों का वोट खारिज, पटेल का बना गेम
शाह और स्मृति की जीत तय थी। असल पेच पटेल और कांग्रेस के बागी बलवंत सिंह राजपूत के बीच मुकाबले को लेकर था। बलवंत को बीजेपी ने टिकट देकर पटेल के खिलाफ उतारा था। हालांकि, दो कांग्रेस विधायकों राघवजी पटेल और भोला भाई गोहिल के वोट कैंसल होने से गेम पलट गया और बलवंत और बीजेपी का खेल बिगड़ गया। कांग्रेसी विधायकों के वोट चुनाव आयोग ने कैंसल कर दिए। ऐसा करते ही राज्यसभा पहुंचने के लिए मैजिक नंबर 45 से घटकर 44 रह गया। पटेल को 44 ही वोट मिले और वह जीतने में कामयाब रहे। जानकार मानते हैं कि क्रॉस वोटिंग करने वाले ये दो एमएलए भूल गए कि वे वोट करते वक्त भी कांग्रेस के सदस्य थे और वे पोलिंग बूथ पर खड़े होकर अपनी बदली हुई वफादारी का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं कर सकते। इस गलती की कीमत बीजेपी और वाघेला कैंप को अहमद पटेल की जीत के तौर पर चुकानी पड़ी। सूत्रों ने मुताबिक, इन दो विधायकों ने वाघेला के कहने पर ही क्रॉस वोटिंग की थी।

 

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