‘रेपिस्ट बाबा’ बेचता था 1 पपीता 5 हजार का, इस वजह से बिकती थी लाखों की सब्जियां

सभी भक्तों को सोने के भाव से सब्जियां बेचा करता था। एक हरी मिर्च की कीमत एक हजार और आधा किलो मटर की कीमत एक लाख।

नई दिल्ली- साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम के हर रोज एक नया किस्सा सामने आ रहा है। अपने भक्तों को भगवान का दूत बताकर उनका फायदा भी उठाता था। सभी भक्तों को सोने के भाव से सब्जियां बेचा करता था। एक हरी मिर्च की कीमत एक हजार और आधा किलो मटर की कीमत एक लाख-

सैकड़ों एकड़ जमीन में फैले राम रहीम के डेरे में खेती भी होती थी। बाबा के खेतों की सब्जी इतनी महंगी मिलती थी जितने में एक गरीब अपनी बेटी की शादी कर दे। राम रहीम अपने भक्तों को मन मुताबिक दामों पर सब्जी बेचता था। वह भक्तों को भगवान के नाम पर फंसा लेता था।

5000 रुपये में एक पपीता बेचता था बाबा  रेपिस्ट बाबा के खेतों की सब्जी की कीमत सुनकर दंग रह जाएंगे।  एक हरी मिर्च एक हजार रुपए की, एक छोटा बैंगन एक हजार रुपए का. बैंगन का साइज बड़ा हो तो उसकी कीमत दो हजार हो जाती थी। मटर के पांच दानों का पैक एक हजार रुपए तक मिलता है। अगर आपने आधा किलो मटर लिया होता तो लाखों में उसकी कीमत होती। इतना ही नहीं  राम रहीम अपने ‘अंधभक्तों’ को 5000 रुपये में एक पपीता बेचता था। इसके अलावा दो टमाटर के लिए वह दो हजार लेता था।

ऐसे घर-घर पहुंची थी बाबा की लाखों की सब्जी

 

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा के डेरे में सब्जी को भक्तों के घर पहुंचाने का जिम्मा भंगीदास का होता था। भंगीदास डेरे के नाम चर्चा घर में मंच का संचालन करते हैं।  ग्रामीण और शहरी नाम चर्चा घरों के भंगीदार अलग-अलग होते हैं, दोनों के ऊपर ब्लॉक का भंगीदास होता है। डेरा को घर-घर से जोड़ने के लिए बाबा ने यहा प्रथा बनाई थी।

इसलिए खरीदते थे बाबा की सब्जी

राम रहीम की सब्जी किसी भी कीमत पर खरदीने के पीछे का कारण था कि भक्त कहते थे हमारे पिता ने अपने हाथ से इस सब्जियों को उगाया है। इन्हें खाने से हमें कोई बीमारी नहीं होगी। बाबा पर लोग इतना विश्वास करते थे कि हर कोई उसके बाग की सब्जी खाना चाहता था। सब्जी से इकट्ठा होने वाला पैसा डेरा मैनेजमेंट को भेजा जाता था। जो बाबा के खजाने में जाता था।

 

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