“वो ” सब पर शिकंजा कसना चाहते है ,” वो ” मीडिया मैनेज करते है

 

नितिन कुमार

वो चाहते है कि सबके मुँह में ताला लगा रहे ,बोलेगे तो आईटी सेल (ट्रोलर्स उर्फ गुंडों ) वालो की एक टीम आपको कब साफ़ कर निकल जाएगी पता भी नहीं चलेगा। डर का एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिसमे आप सब देखेंगे तो मगर कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कर सकेंगे। हकीकत में हम सब के सोचने की शक्ति पर वो काबू कर रहे है जिस दिन ऐसा हो गया मान लीजिये आप आप नहीं रहेंगे कोई और ही ऑपरेट करेगा हम सब एक कठपुतली बन जायेगे। कुछ बोलोगे तो कोई मानहानि भी कर सकता है जो सवा रुपये से लेकर 100 करोड़ तक हो सकती है। ये डर बनाने के लिए बेहतरीन तरीको में एक है।

आज के समय पूरा मीडिया जगत गोदी मीडिया हो गया है कुछ अपवाद मीडिया है जो विपक्ष की भूमिका निभा रहे है मगर उनको जलेबी रूपी मानहानि पर घुमाया जा रहा है। विपक्ष पूरी तरह ख़त्म हो चूका है लिहाज़ा सभी को विपक्ष बन कर सरकार के कामों का विवरण मांगना पड़ेगा , पूछना ही होगा।

बड़े बड़े न्यूज़ चैनल और अखबार दर्शको और रेडशिप से खेल रहे है ये वही दिखते और पढ़ते वही है जो “वो” चाहते है. जो चैनेलो में एक फिल्म को लेकर तीन महीने से सिर्फ बहस चलती हो आप खुद अंदाज़ा लगा सकते है कि चैनल और अखबार विपक्ष की भूमिका निभा पाएंगे ?

ट्रक और बस में टक्कर – 3 मरे 10 घायल , मंत्री जी ने शिलान्यास किया , भण्डारा किया ,शोरूम का उद्घाटन किया गया ऐसी ही खबर अख़बारों को चाहिए अगर आपने गलती से पूछ लिए मंत्री जी स्वच्छ भारत अभियान और मंत्री द्वारा गोद लिए गाँव के संदर्भ में तो फिर मंत्री जी की तीसरी नेत्र खुल जाएगी जिसमे आपको बरनोल भी लगाना पड़ सकता है। कहने का मतलब आप सिस्टम ( व्यवस्था ) से न टकराये और न कुछ पूछे।
जस्टिस लोहा के केस में मीडिया ने कितना कवरेज किया ये सब जानते है ?