शिमला रेप-मर्डर केस: CBI हिरासत में पांचों आरोपी, हेल्पलाइन नंबर जारी

शिमला के गुड़िया गैंगरेप मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने दो मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं. इसमें 8219885920 और 8219893550 नंबर जारी किया गया है. यह नंबर आधिकारिक रूप से सूचना देने के लिए जारी किए गए हैं. कोई भी व्यक्ति एसएमएस या व्हाटसऐप के जरिए से इन नंबरों पर सीबीआई को जानकारी दे सकता है.

सीबीआई ने उपायुक्त शिमला को इन नंबरों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए आग्रह किया है. वही, सीबीआई ने अदालत से पांचों आरोपियों को अपनी हिरासत में ले लिया है. इस केस में गिरफ्तार राजेंद्र सिंह उर्फ राजू, सुभाष बिष्ट, लोकजन उर्फ छोटू और आशीष चौहान न्यायिक हिरासत में थे. मंगलवार को सभी आरोपी ठियोग कोर्ट में पेश किए गए थे.

सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले में 22 जुलाई को एफआईआर दर्ज किया था. इससे पहले इसकी जांच राज्य पुलिस की एसआईटी कर रही थी. पुलिस ने दावा किया था कि गुड़िया के साथ जंगल में दरिंदगी हुई थी. लोगों का कहना है कि वारदात कहीं और हुई है. इसकी सच्चाई जानने के लिए सीबीआई मौका-ए-वारदात पर क्राइम सीन रिक्रिएट करेगी.

लिफ्ट के बहाने कर लिया अगवा

बीते 4 जुलाई को आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू अपने दोस्त आशीष और सुभाष के साथ कहीं जा रहा था. उसने 10वीं में पढ़ने वाली गुड़िया को देखा और गाड़ी रोककर उसे घर तक लिफ्ट देने की बात कही. गुड़िया इलाके में नई आई थी. राजू को जानती थी. वह अक्सर स्कूली बच्चों को ले जाता था, जिससे शक नहीं हुआ. लिहाजा वह उसके साथ गाड़ी में बैठ गई.

शराब के नशे में की हैवानियत

पुलिस के मुताबिक, राजू और उसके दोस्त शराब के नशे में धुत थे. उन्होंने बीच जंगल में सामान उतारने का बहाना बनाते हुए गाड़ी रोक दी. मासूम के साथ गैंगरेप किया. अपने तीन साथियों को भी वहां बुला लिया और फिर गुड़िया की बेरहमी से हत्या कर उसकी लाश को जंगल में फेंक दिया. गैंगरेप के दौरान दरिंदों ने गुड़िया के साथ हैवानियत की इंतेहा कर दी.

हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

बताते चलें कि गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले सप्ताह गुम्मा कस्बे में 24 पंचायतों के चार हजार लोगों ने प्रदर्शन किया था. गुस्साए लोगों ने ठियोग-हाटकोटी नेशनल हाईवे पर सात घंटे तक जाम लगा दिया था. लोग इतने गुस्से में थे कि एक गाड़ी को तोड़ दिया. मौके पर पहुंचे एसडीएम टशी संडूप को कमरे में बंद कर दिया था.

 

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