संजीवनी से कम नहीं ये 7 पौधे

इंसान हजारों साल से इलाज में पेड़ पौधे इस्तेमाल करता रहा है. आधुनिक दवाओं में भी उनका इस्तेमाल होता है. चलिए आपको बताते हैं ऐसे सात पौधों के बारे में जो अब भी बीमारियों और उनके लक्षणों से निपटने में हमारी मदद करते हैं.

कुनैन

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उपयोगी दवाओं की जो सूची तैयारी की है, उनमें कुनैन को भी रखा है. लंबे समय तक मलेरिया को ठीक करने के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा. हालांकि अब डब्ल्यूएचओ सिर्फ इसी के जरिए इलाज करने की सलाह नहीं देता.

खूबसूरत भी और गुणकारी भी

घंटियों के आकार वाले ये पीले काउस्लिप फूल निश्चित तौर पर आकर्षक हैं. लेकिन खूबसूरत होने के अलावा ये फूल गुणकारी भी हैं. आम तौर पर यूरोप और पश्चिमी यूरोप में पाये जाने वाले ये फूल अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में फायदा पहुंचाते हैं.

अमेजिंग अमेजन

ब्राजील में अमेजन के इलाके में उगने वाली गुआराना की बेल से ड्रिंक तैयार होता है जिसे लोग शौक से पीते हैं. इस बेल पर लगने वाली छोटी छोटी लाल बेरियों में कैफीन होता है. पेट से जुड़ी कई समस्याओं से निपटने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है.

चमत्कारी पौधा

अफ्रीकी चेरी के छाल को बहुत गुणकारी माना जाता है. केन्या में पारंपरिक इलाज में इसका खूब इस्तेमाल होता है. मलेरिया से लेकर पेट और किडनी की बीमारियों तक में यह फायदा पहुंचाता है. लेकिन प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए इसका खास तौर से इस्तेमाल होता है.

जिनसेंग के फायदे

जिनसेंग सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों में से एक है. इसकी जड़ों को एशिया और उत्तर अमेरिका में कई बीमारियों के इलाज में प्रयोग किया जाता है. प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने और थकान से निपटने के लिए यह बहुत गुणकारी माना जाता है.

गुणकारी घास

भारत में पायी जाने वाली यह वेटीवर घास पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल होती है. अपने एंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह क्रीम और साबुन बनाने में प्रयोग होती है. साथ ही धरती को कटाव को भी रोकती है. इसे आप पशुओं को भी खिला सकते हैं और इससे थैला और चटाई भी बना सकते हैं.

डैंडेलायन

यह पौधा प्रोटीन और खनिजों से भरपूर होता है और इसका इस्तेमाल अकसर इंसानी शरीर से अवांछित तरल पदार्थों को खत्म करने के लिए होता है. शुरुआती शोध से पता चला है कि यह हाजमे को भी बेहतर कर सकता है. गॉल ब्लेडर और लीवर के लिए भी इसे अच्छा माना जाता है.

 

Read more at-