1984 दंगे के चार आरोपी पकड़े जाने और सरकार द्वारा उचित कदम का हम स्वागत करते है-गुरुविंदर सिंह वासू(प्रिंस)

रिपोर्ट- अरुण सिंह चंदेल ,एडिटर इन चीफ फोर्थ इंडिया न्यूज़

उत्तर प्रदेश ,कानपुर ,18 जून 2022 ,देश में ऐसा मंज़र फैला था जिसे देख कर लोगो के होश उड़ गए थे,वह समय था सिख विरोधी दंगे जो 31 अक्तूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में हुए थे।शहर कानपुर में 127 लोगों की हत्या हुई थी। फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरवरी 2019 को शासन ने दंगों के केसों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह ने के अनुसार दंगों में निराला नगर निवासी भूपेंद्र सिंह, रक्षपाल सिंह व मकान मालिक के बेटे सतवीर सिंह की हत्या हुई थी। जांच से पता चला कि भूपेंद्र व रक्षपाल सिंह को जला दिया गया था। इस केस की विवेचना पूरी कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह भी आरोपहै कि इन चारों ने दंगे के दौरान सिखों को जिंदा फूंकने के साथ ही गोलियां मारी थीं। डीआईजी के अनुसार इस केस में कुल 67 आरोपीयों की पहचान की गयी है , जिनमें से चार की गिरफ्तारी हो चुकी है ।अन्य 63 आरोपियों की खोज जारी है। वह भी जल्द वह भी गिरफ़्तार होंगे ।

सिख दंगो को लेकर हमेशा कई सामाजिक संघठन दोषियों को पकड़ने व उचित मुवावजे की मांग करते रहे है। गुरुविंदर सिंह वासु (प्रिंस) महामंत्री श्री गुरु सिंह सभा कानपुर महानगर एवं अध्यक्ष सिख समाज कानपुर ने कहा कि कोई भी आरोपी बचना नहीं  चाहे कितना बड़ा आदमी क्यों न हो देर आये दुरुस्त आये ,38 साल के बाद इन्साफ की उम्मीद जगी है ,अभी तो सिर्फ चार दोषी कातिल पकडे गए है ,हम उम्मीद करते है सभी पकडे जायेगे ,सिख समाज सरकार से न्याय की उम्मीद करता है ,सिख समाज यह मांग करता है कि इन सभी कातिलों को फांसी की सजा हो।
सिख समाज यह भी मांग करता है की इन सभी दोषियों को बुलडोजर की कार्यवाही हो जो अभी नहीं पकडे गए है,जो छुपे बैठे है । सिख समाज चाहिये ,यह भी योगी जी से मांग करता है कि बिना विलंभ जिन्हे अभी तक मुआवजा नहीं मिला है उन्हें तुरंत दिलवाया जाये। सरकार धन्यवाद करते है जिन्होंने नये दिलवाने में सिख समाज की मदद करी।

सिख दंगो को लेकर वही एस आई टी प्रभारी एस एस पी बालेंद्रु भूषण ने बताया कि कानपुर में सिख दंगे के दौरान भीड़ ने निराला नगर की एक ऐसे मकान पर धावा बोला था। इसमें एक दर्जन से ज्यादा सिख परिवार रहते थे। हिंसा के दौरान जलाला घाटमपुर निवासी योगेंद्र सिंह उर्फ बब्बन, घाटमपुर निवासी सफीउल्ला खां, वेंदा गांव घाटमपुर निवासी विजय नारायण सिंह उर्फ बच्चन सिंह और अब्दुल रहमान उर्फ लंबू ने निराला नगर के इस मकान में आगजनी की थी। आगजनी के बाद भूपेंद्र सिंह,रक्षापाल सिंह, के अलावा सतवीर सिंह काला को जिंदा जला दिया था और गुरुदयाल सिंह भाटिया और उनके बेटे सतवीर सिंह काला को गोली मार कर हत्या कर दी थी। तभी भीड़ ने एक मकान में आग लगा दी थी। इसी कारण घर के अंदर रखा सिलेंडर में ब्लास्ट होने से दंगाई राजेश गुप्ता की भी मौत हो गई थी। एस आई टी पुलिस ने चार आरोपियों को 38 साल बाद पकड़ा है। पकड़े इन सभी दंगाइयों की उम्र 62 से 65 साल के करीब बताई जाती है ।

 

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