फोर्थ इंडिया न्यूज़ स्पेशल रिपोर्ट- कमीशन के खेल में धवस्त होता सरकारी तंत्र

देहरादून। (विष्णु तिवारी ) कमीशन के खेल में किस तरह से सरकारी खजाने पर नौकरशाहों और ठेकेदारों की मिलीभक्त से सेंध लगाई जा रही है इसकी बानगी रुद्रप्रयाग जिले के विकास खण्ड जखोली के बांगर पट्टी में देखी जा सकती है। जहां सिचाई विभाग द्वारा सिंचाई के नाम पर करोड़ों रुपयों के पाइप तो खरीदे गये हैं किन्तु सिंचाई योजना को धरातल पर उतारना भूल गई है।

जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड जखोली की बांगर, सिलगढ़, बड़मा पट्टियों के लिए तत्कालीन  सरकार ने 26 मार्च 2012 को 984.28 करोड़ की लागत से लस्तर बांया सिंचाई नहर योजना की स्वीकृति प्रदान की थी। जिसमें सिंचाई विभाग को 984.28 के सापेक्ष 288.46 लाख रुपये अवमुक्त किए गए। जिसमें विभाग के द्वारा 17 अनुबंधों के आधार पर 34 सौ मीटर पाईप 256.19 करोड़ रुपये की लागत से सिंचाई पाईप खरीदे गए तथा 24.83 लाख रुपये वन भूमि हस्तातंरण के लिए दिए गए। लेकिन यह योजना पांच साल बीत जाने के बाद भी धरातल पर एक इंच भी निर्माण नहीं हो पाया है। स्थिति यह है कि 14 इंच मोटाई के भारी भरकर पाईप सड़कों के किनारे पिछले पांच साल से लावारिश हालत में जंक खा रहे हैं। जबकि विभाग के पास शासन द्वारा अमुक्त धनराशि में से 7.44 करोड़ रुपये का कहीं भी लेखा-जोखा नहीं हैं। वहीं सिंचाई योजना न बनने से करीब 150 हेक्टेयर भूमि बंजर पड़ चुकी है जिस कारण ग्रामीण पलायन करने के लिए विवश हो गए हैं। वहीं क्षेत्रीय जनता वर्षों से लम्बित पड़ी इस सिंचाई योजना को का शीघ्र आरम्भ न होने पर आन्दोलन की चेतावनी दे रही है।