लखनऊ. यूपी में अवैध खनन के चलते पूरे प्रदेश में मौरम और बालू पर सालों से लगी रोक को सीएम योगी ने हटाने का निर्णय लिया है। कहा जा रहा है कि यूपी में विकास कार्यों को तेज रफ्तार देने के लिए बालू-मौरम की जबरदस्त डिमांड के चलते इसको 1 अक्टूबर से खनन करने का एलान कर दिया गया है। सालों से लगी रोक के चलते यूपी में पिछले दिनों से बालू और मौरम के दामों में भारी उछाल आ गया था जिससे खनन का काला करोबार भी जारी था।
योगी सरकार के निर्देश पर विभाग ने जारी किया सर्कुलर
– खनन विभाग की ओर से इस पर सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि बालू और मौरम की उपलब्धता को सुचारू बनाए रखने के उद्देश्य से 1 अक्टूबर, 2017 से पुनः खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा इस संबंस में आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है।
– वहीं, इस सर्कुलर पर भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के डायरेक्टर डॉ. बलकार सिंह के अनुसार, 1 अक्टूबर से पूर्व स्वीकृत लगभग 200 खनन परमिट के क्षेत्रों में पुनः खनन कार्य प्रारम्भ हो जाने से बालू और मौरम की कमी पूर्ण हो जाएगी।
– उन्होंने बताया, वर्षा काल (जुलाई से सितम्बर माह) में खनन कार्य प्रतिबंधित होने के कारण बालू और मौरम की उपलब्धता में कमी आ जाती है। बालूध् और मौरम के रिक्त क्षेत्रों के लिए 3 अक्टूबर, 2017 से टेंडर की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी।
– बलकार सिंह के अनुसार, बालू, मौरम और अन्य उप खनिजों के खनन योजना तत्काल स्वीकृत और अनुमोदन होने के लिए भूतत्व निदेशालय द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं की जा चुकी है। पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए एसईआईएए के गठन की कार्यवाही भी की जा रही है। पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र जल्द ही नियमानुसार दिए जाएंगे।
– वहीं, इस सर्कुलर पर भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के डायरेक्टर डॉ. बलकार सिंह के अनुसार, 1 अक्टूबर से पूर्व स्वीकृत लगभग 200 खनन परमिट के क्षेत्रों में पुनः खनन कार्य प्रारम्भ हो जाने से बालू और मौरम की कमी पूर्ण हो जाएगी।
– उन्होंने बताया, वर्षा काल (जुलाई से सितम्बर माह) में खनन कार्य प्रतिबंधित होने के कारण बालू और मौरम की उपलब्धता में कमी आ जाती है। बालूध् और मौरम के रिक्त क्षेत्रों के लिए 3 अक्टूबर, 2017 से टेंडर की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी।
– बलकार सिंह के अनुसार, बालू, मौरम और अन्य उप खनिजों के खनन योजना तत्काल स्वीकृत और अनुमोदन होने के लिए भूतत्व निदेशालय द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं की जा चुकी है। पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए एसईआईएए के गठन की कार्यवाही भी की जा रही है। पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र जल्द ही नियमानुसार दिए जाएंगे।