100 दिवसीय ‘सुजलम’ अभियान की शुरुआत,

25 अगस्त 2021,जल शक्ति मंत्रालय ने’आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के अंतर्गत’सुजलम’ की शुरुआत की है, जिसके द्वाराग्रामीण स्तर पर अपशिष्ट जल प्रबंधन करते हुए,विशेष रूप से दस लाख सोख-गड्ढों का निर्माण करके और अन्य ग्रेवॉटर प्रबंधन गतिविधियों के माध्यम से, ज्यादा से ज्यादा गावों को ओडीएफ प्लस गांवों में परिवर्तित किया जा सके। इस अभियान के प्रयास को कम से कम समय में त्वरित रूप से पूरे देश के गांवों के लिए ओडीएफ प्लस वाली स्थिति प्राप्त करने की दिशा में संचालित किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत आज यानी 25 अगस्त, 2021 को हुई है और यह अगले 100 दिनों तक चलेगा।

इस अभियान के माध्यमसे न केवल गांवों में ग्रेवॉटर प्रबंधन के लिए वांछित बुनियादी संरचनाअर्थात् सोख गड्ढों का निर्माण किया जाएगा बल्कि वाटरबॉडीजके सतत प्रबंधन में भी सहायता प्राप्त होगी। गांवों में या गांवों के बाहरी इलाकों में गंदे पानी का निष्कासन और वाटरबॉडीज का निस्तारण एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। इस अभियान से अपशिष्ट जल प्रबंधन में सहायता प्राप्त होगी और बदले में वाटरबॉडीज को पूर्वरूप में लाने मेंसहायता मिलेगी।

इसके अलावा, इस अभियान के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी के द्वारा एसबीएमजी फेज IIकी गतिविधियों को तीव्रताप्राप्त होगी और इससे ओडीएफ-प्लस गतिविधियों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा।इसलिए निर्मित बुनियादी संरचना का दीर्घकालिक रखरखाव और स्थिरता सुनिश्चित करना आवश्यक है।इस अभियान में एसबीएमजी फेज I के दौरान प्राप्तकिए गए जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन वाले मंच का उपयोग किया जाएगा और एसएलडब्ल्यू प्रबंधन के माध्यम से दृश्य स्वच्छता की प्राप्ति के साथ-साथ इसकी निरंतरता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

इस अभियान के अंतर्गत गांवों में आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं:
वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करने के लिए सामुदायिक परामर्श, खुली बैठक और ग्राम सभा की बैठकों का आयोजन।
ओडीएफ की निरंतरता बनाए रखने और ग्रेवॉटर प्रबंधन करने के लिए सोख गड्ढों की आवश्यक संख्या की प्राप्ति के लिए संकल्प पारित करना।
निरंतरता बनाए रखने और सोख गड्ढों के निर्माण संबंधी गतिविधियों की शुरुआत करने के लिए 100 दिवसीययोजना विकसित करना।
आवश्यक संख्या मेंसोख गड्ढों कानिर्माण करना।आईसी के माध्यम से जहां आवश्यक हो वहां पर शौचालय को पुर्ननिर्मित करना।
सुनिश्चित करना कि गांव के सभी नए परिवारों को शौचालय की सुविधा प्राप्त हो।

@फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम

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