6000 रुपए की गर्भावस्था सहायता योजना को कैबिनेट से मिली मंजूरी

केंद्र सरकार ने मातृत्व लाभ कार्यक्रम के संपूर्ण भारत में परिपालन को मंजूरी दे दी है जिसके तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली मां को अपने पहले जीवित बच्चे के लिए 6000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना अब 1 जनवरी 2017 से देश के सभी जिलों तक विस्तारित की जाएगी। नरेंद्र मोदी जी ने अपने 31 दिसंबर के भाषण में इस योजना के पूरे भारत में विस्तार की घोषणा की थी।

गर्भावस्था सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं की मजदूरी हानि के लिए 6000 रुपए नकद प्रोत्साहन मुआवजा प्रदान करना है ताकि गर्भवती महिला प्रसव से पहले और बाद में पर्याप्त आराम और पोषण ग्रहण कर सके। केंद्र सरकार इस योजना के परिपालन के लिए जनवरी 2017 और मार्च 2020 के बीच कुल 12,661 करोड़ रुपये में से 7,932 करोड़ रुपये का वहन करेगी तथा बाकी की लागत राज्य सरकारों द्वारा वहन की जाएगी।

यह योजना उन गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए लागू नहीं होगी जो कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ नियमित रोजगार में हैं या जो कि किसी सरकारी योजना के तहत समान लाभ प्राप्त कर रही हो।

6000 रुपए गर्भावस्था सहायता योजना का उद्देश्य

मातृत्व लाभ कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य हैं

  • प्रसव से पहले और बाद में पर्याप्त आराम और पोषण सुनिश्चित करने के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को मजदूरी हानि के एवज में मुआवजा प्रदान करना।
  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और पोषण के लिए नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से कुपोषण के प्रभाव को कम करना।

मातृत्व लाभ कार्यक्रम का परिपालन

यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लागू की जाएगी। मंत्रालय 5000 रुपए तीन किस्तों में पहले जीवित बच्चे के जन्म के लिए सभी योग्य महिलाओं को देगा। बाकी प्रोत्साहन संस्थागत वितरण के बाद प्रदान किया जाएगा। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थी महिलाओं के बचत बैंक खाते में सीधे जमा कर दी जाएगी।

इस योजना के तहत वित्तीय लाभ

नकद प्रोत्साहन की किश्तों को निम्नलिखित सूची के अनुसार प्रदान किया जाएगा

पहली किस्त: गर्भावस्था के पंजीकरण के समय 1000 रुपए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रदान किया जाएगा।

दूसरी किस्त : यदि पात्र महिला छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच करा लेते हैं तो 2,000 रुपए दिए जायेंगे।

तीसरा किस्त: जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को BCG, OPV, DPT और हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis-B) सहित शुरुआती टीकों का चक्र शुरू होता है।

इस मातृत्व लाभ कार्यक्रम के माध्यम से केंद्र सरकार का लक्ष्य हर गर्भवती महिला जो सरकारी स्वास्थ्य देखभाल केंद्र तक पहुँचती है उनके लिए अच्छी देखभाल पर ध्यान केंद्रित करना है।

इस योजना के बारे में अधिक जानकारी कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट http://wcd.nic.in पर पाई जा सकती है

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