भारत के एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमानों की कमी को एक बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि वायुसेना में लड़ाकू विमानों की कमी होना ठीक उसी तरह है जैसे कि क्रिकेट में 11 खिलाड़ियों की जगह 7 खिलाड़ियों का होना।
उन्होंने कहा, ‘भारतीय वायुसेना आतंकी हमलों के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी वायु शक्ति के इस्तेमाल के लिए तैयार है। यह भारतीय सरकार के लिए एक विकल्प के रूप में है, जिसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।’
अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में बीएस धनोआ ने ये दावा पेश किया कि भारतीय वायुसेना सरकार के एक इशारे पर माओवादियों पर हमला कर सकती है, लेकिन वह भारतीय सीमा में ही हमले की परिकल्पना नहीं करना चाहते।
धनोआ ने कहा कि सरकार ने वायु सेना को कुल 42 जंगी जहाजों की मंजूरी दी है जोकि प्रत्यक्ष लड़ाई के लिए अपर्याप्त है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में भारतीय सेना के पास कुल 32 लड़ाकू विमान हैं और अकस्मात ऐसी स्थिति आ सकती है चीन या पाकिस्तान से मुकाबला करना पड़े।
उन्होंने कहा, ‘इतनी कम संख्या के साथ लड़ना ठीक उस तरह है जैसे 7 खिलाड़ियों की टीम लेकर क्रिकेट खेलना। हालांकि हम रणनीति के साथ तैयार हैं।’
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