करीब डेढ़ साल से फरार चल रहा कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह आखिरकार मारा गया। शनिवार रात करीब 11:25 बजे एसओजी ने राजस्थान में जयपुर के पास चूरू के मालासर में मुठभेड़ के दौरान उसे मार गिराया। 21 महीने से फरार आनंदपाल कई बार पुलिस और एसओजी के हाथ आते-आते रह गया। अंतत: उसे शिकंजे में कसने के लिए एसओजी की टीम ने डेढ़ महीने तक हरियाणा के सिरसा में उसके सबसे करीबी माने जाने वाले दो भाइयों विक्की और देवेंद्र के लिए जाल बिछाया। इन दोनों के पकड़ में आने के बाद ही आनंदपाल की लोकेशन सामने आई और अंतत: मुठभेड़ में वो मारा गया।उसके दो भाइयों को गिरफ्तार कर लिया।
आनंदपाल सिंह राजस्थान में चूरू के मालासर में परिचित के पास फरारी काट रहा था। आनंदपाल के शव को जिला हॉस्पिटल में रखवाया गया है। उल्लेखनीय है कि आनंद पाल ने ग्वालियर में भी फरारी काटी थी।आनंदपाल को सरेंडर करने के लिए बोला गया था, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस को गोली चलानी पड़ी। यह बात गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने रविवार को सुबह बताई। कटारिया ने कहा कि रात को पौने बारह बजे सीएम वसुंधरा राजे ने मुझे फोन कर आनंदपाल के एनकाउंटर में मारे जाने की बधाई दी।
– फायरिंग मेें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की जिसमें वह ढेर हो गया।
आनंदपाल जून 2016 में ग्वालियर के दीनदयाल नगर के एफएल सेक्टर स्थित दोस्त के मकान में करीब 20 दिन छिपकर रहा था। 15 जून को राजस्थान के नागौर से आई क्विक एक्शन टीम ने क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर दबिश दी थी लेकिन उससे एक घंटे पहले ही आनंदपाल इटावा निकल गया था।3 सितंबर, 2015 को फरार होने के बाद आनंदपाल ने कई बार पुलिस और एसओजी को चकमा दिया। पहचान छुपाने के लिए उसने अपनी पहचान बन चुकी दाढ़ी भी शेव कर ली थी। उसके साथियों और शरणदाताआें का तगड़ा नेटवर्क पुलिस के लिए सबसे बड़ी बाधा बन गया था। एसओजी-एटीएस, नागौर, बीकानेर, सीकर अजमेर पुलिस ने आनंदपाल गैंग के 108 लोगों को परबतसर फरारी प्रकरण, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस, शरण देने, गाड़िया उपलब्ध कराने, पुलिसकर्मियों पर फायरिंग हत्या करने, राजकार्य में बाधा डालने और आनंदपाल के इशारे पर संगीन वारदातों को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया। आनंदपाल की फरारी के बाद एसओजी एटीएस ने 35 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य आरोपियों को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब एसओजी की गिरफ्त में गैंग के सरगना और अानंदपाल के भाई विक्की देवेन्द्र भी गए है। आनंदपाल की फरारी के बाद अलग-अलग मामलों में बंद गैंग के 60 सदस्याें का जमानत मिल गई है। जबकि अभी भी 48 जने जेल के अंदर है।
शीशे में देखकर आनंदपाल पर गोलियां चला रहे थे पुलिसवाले
– रात को 10:00 बजे जैसे ही पुलिस फाेर्स मलासर पहुंची तो पहले से एएसपी कर्ण सिंह वहां पर थे एसओजी के संजीव भट्टनाागर नागौर की क्यूआरटी टीम पहुंची चुकी थी।
– रात 11.20 बजे मालासर में आनंदपाल का एनकाउंटर
चूरू एसपी राहुल बारहठ ने बताया कि करीब 20 मिनट तक फायरिंग होती रही।
– आनंदपाल की मौत रात करीब 11 बजे हुई।
– रात 1.40 बजे चूरू के एसपी ने एनकाउंटर की जानकारी दी।
इंटेलीजेंस ने सरकार को रिपोर्ट भेजी थी कि आनंदपाल के खिलाफ दर्ज केसों में बने गवाह, विरोधी राजू ठेहट की गैंग का सहयोग और उसकी खिलाफत करने वाले लोगों की जान को खतरा है। इंटेलीजेंस के अफसरों का मानना था कि आनंदपाल के फरार होने के बाद कई नेताओं को भी खतरा था। उनमें विधायक हनुमान बेनीवाल, चेतन डूढ़ी, बजरंगलाल फोगड़ी, गोपालराम, रामप्रकाश, प्रमोद, इंद्रचंद जाट एडवोकेट रामेश्वर भाकर, चूरू निवासी विरेन्द्र कुमार, सीताराम, रामनारायण रामनिवास, बीकानेर निवासी हनुमान जाखड़ ओमप्रकाश ठेहट, सीकर निवासी हरिराम रणवां, ओमप्रकाश जिगर, दिनेश, मनोज आेला, रामचन्द्र और जयपुर निवासी राजाराम मील गगन शर्मा का नाम शामिल था। आनंदपाल के पांच राज्यों में 12 ठिकाने थे।
अमनदीपसिंह उर्फ नीशू बन्ना झुंझुनूं, अर्जुन सिंह अजीतगढ़, रामदत उर्फ सोनू धौलपुर, नेमी उर्फ नेमला सीकर, भूप सिंह बीकानेर, शक्ति सिंह बीकानेर, मोहम्मद इंसाफ बीकानेर, राजू सिंह बीकानेर, विजय सिंह राजपूत भाण्डसर, सचिन बीकानेर, हबीब खान लाडनू, अनिल माली मंगलपुरा, गोरव शर्मा भरतपुर, रिछपाल उर्फ रामेश्वर हिराणी, कृष्ण सिंह, गिरधारी सिंह सीकर, अमरजीत सिंह यूपी, संजीव कुमार पंचकुला, किरण पाल पंचकुला, अमीन खां फलौदी, युसुफ फलौदी, कासम खां जोधपुर, प्रकाश जाट सीकर, सुमेर सिंह झोटवाड़ा, मोहन सिंह करधनी, अकबर खां श्रवण सिंह डिडवाना को एसओजी, एटीएस स्थानीय पुलिस ने शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यानि 27 लोगों ने आनंदपाल को फरारी के बाद अपने ठिकानों पर रुकवाया है।
एसओजी पुलिस ने आनंदपाल के 13 साथियों को आर्म्स एक्ट गैंग के लिए हथियार उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। 5 लोगों को आनंदपाल के इशारे पर हिम्मत सिंह का मर्डर करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जबकि सात लोगों को अन्य बीकानेर हत्याकांड अन्य हत्याओं के आरोप में गिरफ्तार किया है। कुछ बदमाशों को एसओजी पुलिस ने जानलेवा हमले, एनडीपीएस एक्ट, सिपाही की हत्या पुलिस पर फायरिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कुछ आनंदपाल के साथी जो काफी सालों से फरार चल रहे थे। उनको भी एसओजी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
आनंदपाल की बेटी चीनू दुबई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं।3 सितंबर 2015 को अजमेर पुलिस आनंदपाल को नागौर के लाडनूं में पेशी पर लेकर आई थी। पेशी से लौटते समय योजना के अनुसार परबतसर के पास बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी और आनंदपाल, श्रीवल्लभ व सुभाष मूंड को छुड़ाकर ले गए। आनंदपाल पुलिस की एक एके-47 भी अपने साथ ले गया था। एसओजी ने आनंदपाल की बेटी की भूमिका को भी संदिग्ध माना था।
– हाई सिक्युरिटी जेल के सामने चाय की दुकान चलाने वाले रविकुमार रील ने अपने बयान में बताया था कि उसकी दुकान से रोज सुबह 5 लीटर दूध व 5 लीटर छाछ, शाम को 6 लीटर दूध जाता था।
– अजमेर निवासी महेंद्र सिंह हर सप्ताह इसका एडवांस हिसाब करता था। इसमें से आधा से भी ज्यादा दूध कुख्यात कैदी आनंदपाल खुद पीता था।हैरानी वाली बात यह थी कि हाई सिक्युरिटी जेल में होने के बावजूद आराम से बाहर का खाना-पीना आता था। यह चौंकाने वाला सच परबतसर न्यायालय में पेश चार्जशीट में सामने आया था।
– गैंगस्टर आनंदपाल सिंह ने तीन सितंबर को पेशी के बाद चालानी गार्ड को बस में शक्ति सिंह ने अपने साथी पुलिसकर्मियों को मिठाई खिलाई थी। शक्ति सिंह ने बताया कि आज उसका जन्मदिन है। मिठाई में नशे की दवाई क्लोजली थी।
– यह बात सिर्फ आनंदपाल, शक्ति सिंह, श्रीवल्लभ व सुभाष मूंड को ही पता थी। दवा मिली होने से पुलिसकर्मियों को मिठाई कड़वी लगी। उन्होंने पूछा यह कड़वी क्यों है। इस पर आनंदपाल ने कहा था कि इस मिठाई में मेथी मिली है और नागौरी मेथी कड़वी ही होती है। बेहोश होने के बाद वह फरार हो गया था। चार्जशीट में यह तथ्य थे।जयपुर से मंगवाए गए थे दो ब्लैकबेरी
– इसके बाद से ही लोग लगातार कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा की ”पुलिस कहती है कि चुरू में आनंदपाल का एनकाउंटर किया गया। मुझे विश्वास नहीं होता। मुझे आनंदपाल बहुत पसंद हैं।
– एक दूसरे अकाउंट से लिखा गया कि ”हम हमेशा तुम्हे मिस करते रहेंगे। RIP आनंदपाल।
– एक यूजर ने लिखा कि ”आनंदपाल हमे तुम पर गर्व है।”
– फैन पेज पर उसके समर्थक उसे ऐसे लेते हैं, जैसे वह कोई सेलिब्रिटी हो।
– बता दें कि सितंबर 2015 में जब गैंगस्टर पुलिस की गिरफ्त से भागा था, सोशल मीडिया पर फैन्स ने जश्न मनाया था।
इस IPS अफसर ने गैंगस्टर आनंदपाल को ऐसे लगाया ठिकाने
देश के चर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सात साल जेल में रहने वाले आईपीएस अफसर दिनेश एमएन के सुपरविजन में राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल को मार गिराया है। आईजी दिनेश एमएन को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाना जाता है, लेकिन इस एनकाउंटर से उन्होंने दूरी बनाए रखी। मुठभेड़ दौरान दिनेश एमएन जयपुर में ही मौजूद थे
– आईपीएस एमएन ने एसओजी मुख्यालय से पूरे मामले का सुपरविजन किया।
– दिनेश एमएन को जुलाई 2016 में सरकार ने एसओजी में लगाया था।
– एमएन के लगने के बाद आनंदपाल को फरार करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले तीन बदमाशों सुभाष मूंड श्रीवल्लभ को गिरफ्तार कर लिया था।
– इसके अलावा एसओजी पुलिस ने पिछले 10 माह में पुलिस पर फायरिंग कर आनंदपाल को भगाने वाले महिपाल, आजाद, हनुमान सिंह गोगामेड़ी और विजय मांड्या को गिरफ्तार कर लिया है।