
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 का प्रक्षेपण कर दिया है. जीएसएलवी (GSLV) मार्क-3 ने अपने साथ संचार उपग्रह जीसैट-19 को लेकर उड़ान भरी है. जीएसएलवी एमके थ्री भारत का सबसे भारी रॉकेट है.
भारत का सबसे भारी रॉकेट
इसरो अध्यक्ष एस एस किरण कुमार ने बताया कि ये मिशन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है जिसे देश से छोड़ा जाना है. किरण कुमार ने बताया कि अब तक 2300 किलोग्राम से अधिक वजन के संचार उपग्रहों के लिए इसरो को विदेशी लॉन्चरों पर निर्भर रहना पड़ता था. उन्होंने बताया कि जीएसएलवी एमके थ्री-डी 4000 किलो तक के पेलोड को उठाकर जीटीओ और 10 हजार किलो तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने में सक्षम है.
इनके प्रक्षेपण के साथ ही डिजिटल भारत को मजबूती मिलेगी. साथ ही ऐसी इंटरनेट सेवाएं मिलेगी जैसे पहले कभी नहीं मिलीं. केंद्र के निदेशक तपन मिश्रा ने इसे भारत के लिए संचार के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी उपग्रह बताया है. उन्होंने कहा कि अगर यह प्रक्षेपण सफल रहा तो अकेला जीसैट-19 उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित पुराने किस्म के 6-7 संचार उपग्रहों के समूह के बराबर होगा. फिलहाल अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित 41 भारतीय उपग्रहों में से 13 संचार उपग्रह हैं.
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