OBC आरक्षण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्लीः सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ.बी.सी.) के लिए क्रीमी लेयर की सीमा का दायरा सार्वजनिक उपक्रमों, बीमा कंपनियों और बैंकों तक बढ़ाने का फैसला किया है। आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने  बताया कि मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को अनुमोदन कर दिया है। ओ.बी.सी. क्रीमी लेयर के लिए 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष की आय सीमा अब सरकारी कंपनियों और वित्तीय संस्थानों पर भी लागू होगी।

बच्चों को नहीं मिलेगा आरक्षण
पी.एस.यू., बीमा कंपनियों और सरकारी बैंकों के अधिकारियों के बच्चे अब ओ.बी.सी. आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेंगे। ऐसी कंपनियों-संस्थाओं में अब नीचे के स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों को ही ओ.बी.सी. आरक्षण का लाभ मिलेगा। इससे पहले सरकार ओ.बी.सी. आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का निर्णय ले चुकी है। हालांकि अभी इस फैसले के लागू होने में संसद की बाधा बरकरार है।

OBC क्रीमी लेयर की सीमा 8 लाख रुपए बढ़ाई
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह फैसला लगभग 24 वर्ष से लंबित था और सरकार ने इसे लागू करने का निर्णय किया है। उच्चतम न्यायालय ने 1992 में सरकार को इससे संबंधित निर्देश जारी किए थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख रुपए से बढाकर 8 लाख रुपए की दी थी। उन्होंने बताया कि क्रीमी लेयर की सीमा तय करने का आधार महंगाई को बनाया जाता है। जेटली ने कहा कि क्रीमी लेयर के लिए सालाना आदमनी और सामाजिक स्थिति  को आधार बनाया जाता है। समूह ‘ए’ और समूह ‘बी’ के कर्मचारी क्रीमी लेयर के दायरे में आते हैं। नई व्यवस्था के अनुसार सार्वजनिक उपक्रमों और वित्तीय संस्थानों में समूह ‘ए’ और समूह ‘बी’ के समान पदों पर क्रीमी लेयर सीमा लागू होगी।

 

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