केरल के पल्लकड़ में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के ध्वजारोहण करने पर रोक लगाने वालीं कलेक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया है. पल्लकड़ की कलेक्टर पी. मेरीकुथी ने आदेश दिया था कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति स्कूल में ध्वजारोहण नहीं कर सकता है. हालांकि, उनकी रोक के बावजूद भी मोहन भागवत ने ध्वजारोहण किया था.
कलेक्टर की ट्रांसफर पर केरल सरकार ने कहा कि यह एक रूटीन ट्रांसफर है, सिर्फ उनका ही नहीं बल्कि 4 अन्य कलेक्टरों का भी ट्रांसफर हुआ है. सुरेश बाबू को पल्लकड़ का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है.
Kerala: RSS Chief Mohan Bhagwat unfurled the national flag in Palakkad school pic.twitter.com/vDK8xn9V20
— ANI (@ANI) August 15, 2017
मोहन भागवत के तिरंगा फहराने के बाद मेरीकुथी ने सरकार को दी गई रिपोर्ट में कहा था कि मोहन भागवत पर केस दर्ज होना चाहिए. उन्होंने पुलिस को इसके निर्देश भी दे दिए थे. हालांकि आरएसएस ने भागवत का बचाव करते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन की मर्जी के बाद ही उन्होंने ऐसा किया था. कलेक्टर का आदेश था कि स्कूल में केवल उससे जुड़ा व्यक्ति या फिर कोई चुना ही व्यक्ति ही झंडा फहराए.
गौरतलब है कि बीजेपी और आरएसएस पिछले काफी समय से केरल में अपनी पैठ बनाने को जुटी हैं. केरल में संघ कार्यकर्ताओं पर हमले और हत्या के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. आरएसएस ने पहली बार 2002 में नागपुर में तिरंगा फहराया था. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी केरल में बीजेपी नेताओं के खिलाफ होने वाले हादसों को लेकर कई बार सार्वजनिक मंचों से आवाज उठा चुके हैं.
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