फोर्थ इंडिया न्यूज़ एक्सक्लूसिव – अपनी पढ़ाई के लिए नहीं थे दो सौ, आज दो हजार बच्चों को दी नि:शुल्क शिक्षा

  •  सात वर्षो से नि:शुल्क शिक्षा के साथ सामाजिक कार्यों में जुटे हैं ललित किशोर कुमार 
  •  गरीब बच्चों को शिक्षा व जरूरतमंद में बांट रहे कंबल
  •  देश भर के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देना ही है जिवन का लक्ष्य
 संदीप मौर्या
 
आज की भागम भाग जिन्दगी मे  किसी को किसी  के लिए किसी के पास एक वक्त की  समय नही है। बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रूपया हो गया है, ऐसे मे कोई सख्स यदि लोगो की आवश्यकता को देखते हुए सेवा भाव की भावना को अपना मिशन बना ले तो समाज मे बदलाव की एक उम्मीद प्रकाश की भांति चमकती है। गरीबों का सहारा बन कर ललित किशोर कुमार सामाजिक जगत मे इतिहास बना रहे है।
शिक्षा प्राप्त करने के साथ सामाजिक सेवा की भावना को जुनून बना लेना कोई ललित किशोर कुमार से सीखे। क्योंकि महज 21 वर्ष की उम्र मे  मास्टर डिग्री की पढ़ाई करके भी जिन तन्मयता से समाज सेवा कर रहे है वो आज विरले ही देखने को मिलता है। इनके सेवा भाव का कार्य क्षेत्र किसी खास जगह सीमित न होकर हर जिले, हर अंचल, मे फैलकर हर वर्ग, हर जाति, हर स्तर के गरीबो के दु:ख दर्द को दूर करने मे लगे हुए है। जिस तरह स्थिर आकाश नही है उसी तरह इनकी सेवा भावना की अनन्त विस्तार है। लोक जीवन मे सेवा प्रदाता के रूप मे इनकी पहचान स्थापित हुई है । जिनसे प्रभावित होकर इनके प्रशंसको का निरंतर विस्तार होते जा रहा है।  ललित किशोर कुमार मे सेवा करने की भावना इस कदर रच बस गयी है कि उनकी सेवा भावना के मिशन के पैमाने को निश्चित नही किया जा सकता।
जिले में दर्जनों की संख्या में स्वंय सेवी संस्थाएं व संगठन काम कर रही है। जो, सरकार के साथ मिलकर समाज सेवा करती है। लेकिन बीना किसी फंड या सरकारी सहयोग के अपने जीवन में आई मुश्किलों से प्रेरित होकर काम करने वाले ललित  किशोर कुमार समाज में नई सिख दे रहे हैं। समाज के पीछड़े व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देकर उनके सपनों में रंग भर रहे हैं। शहर के जगतपुर प्राथमिक विद्यालय में वे हर रोज दसवीं के छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग करा रहे हैं। जहां आसपास के दर्जनों गांवों के छात्र-छात्राएं  सात से दस किमी की दूरी साइकिल से तय कर पढ़ाई के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावे ललित समाज में गरीब व पिछड़ों को कंबल बांटने के साथ ग्रामीण बच्चों को कलम, कॉपी व किताब भी मुहैय्या करा रहे हैं। समाज के बीच समाज के लोगों से ही सहयोग लेकर गरीब तबके के लोगों में शिक्षा, सेवा के साथ जागरूकता का भी काम कर रहे हैं।
इनमें ललित ने जलाए शिक्षा व स्वाभिमान के दीप
मूल रूप से अपने ननिहाल सीतामढ़ी में रहकर अपनी प्रारंभिक व उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले ललित किशोर कुमार अब तक बांका ही नहीं सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीवान, चंपारण, कटिहार सहित अन्य स्थानों पर अंधेरी बस्ती में शिक्षा का दीप जला चुके हैं। इन क्षेत्रों में दो हजार से अधिक बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, 300 गरीब परिवारों को मुफ्त कपड़ा, सात हजार से अधिक गरीब बच्चों को कलम, कॉपी, किताब देने में वे सफल रहे हैं। वर्तमान में बांका के लगभग सौ से अधिक वैसे गरीब बच्चे जो किसी कोचिंग संस्थान में फी देकर ट्यूशन नहीं ले सकते हैं। उन्हें निःशुल्क कोचिंग दे रहे हैं। जो, क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का विषय बना हुआ है। इनके इसी सोच से प्रेरित होकर यहां के भी दर्जनों युवा अब उनके साथ जुड़कर शिक्षा, स्वास्थ्य,नारी उत्थान,दलित-महादलित उत्थान तथा अल्पसंख्यक समुदाय  सहित अन्य क्षेत्रों में समाज सेवा के कार्यो में विगत सात सालों से लगे हैं।