अब भगवा रंग में दिखेगी यूपी की बसें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की केसरिया रंग में रंगी बसें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस)से जुडे रहे जनसंघ के संस्थापकों में से एक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 100वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर आगामी 25 सितम्बर से विभिन्न तीर्थ स्थलों के लिये केसरिया रंग की बसें चलायी जायेगी।

इन बसों का साधारण किराया होगा। इन्हे ब्लाक स्तर तक चलाया जायेगा। परिवहन निगम सूत्रों ने आज यहां बताया कि उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यूपीएसआरटीसी वाहनों में “ नीला और क्रीम रंग का संयोजन ” किया जायेगा लेकिन बसों का रंग राजनीतिक या अन्य कारणों से बदलता रहता है।

परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि बसों का आकर्षण बढाने के लिए विभिन्न रंगों से इन्हे सजाया जाता है। उन्होने कहा “यदि आप बसों को देखते हैं, तो वे सिर्फ भगवा नही दिखाई देंगे बल्कि रंग और डिजाइन से वे सुंदर दिखायी देंगे।

” बसपा शासन में बसों का रंग नीला और सफेद था,जबकि सपा शासन में इनका रंग हरा और लाल हो गया था।परिवहन निगम के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि विशेष सेवा के लिए अलग-अलग रंग आसानी से बस की पहचान करने में मदद करेगा।

प्रदेश में श्रद्धालुओ की सुविधा एवं पर्यटन को बढावा देने के लिये निगम ने सभी धार्मिक स्थलों के लिए बस चलाने की योजना तैयार की है। इस बसों को रंग अलग रखा गया है जिससे इन्हें दूर से ही पहचाना जा सके। कानपुर में यूपीएसआरटीसी की केंद्रीय कार्यशाला में नई बसें तैयार की जा रही हैं।

प्रत्येक बस की लागत करीब 24 लाख रुपये है। अंत्योदय सेवा के पहले चरण में 50 बसों का चलाने की योजना है। राज्य सरकार की बस सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्र से जोड़ने की योजना है। सरकार परिवहन निगम की दस हजार बसों को गांवों तक पहुंचायेगी। चालू वित्त वर्ष में परिवहन निगम की पांच हजार नई बसों को इसमें लगाया जायेगा।

बसपा शासन काल में शुरू किए गए विशेष बस सेवा और सपा सरकार ने लोहिया ग्रामीण बस सेवा की शुरू की थी। इन बसों को भी इसी तर्ज पर चलाया जा रहा है। नई योजना के तहत चलायी जा रही बसों का किराया 20 प्रतिशत कम होगा।

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