अब मॉनसून को प्रभावित नहीं कर सकेगा मेकुनु, उत्तर पश्चिम दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है

स्काइमेट ने जैसा अनुमान लगाया था, चक्रवाती तूफ़ान मेकुनु और प्रभावी होते हुए बुधवार की दोपहर में भीषण चक्रवात बन गया। इस समय यह समुद्री तूफान सोकोत्रा से 250 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में है। मसीराह द्वीप से इसकी दूरी 950 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में है। यह अपनी धुन में प्रभावी होते हुए लगातार आगे बढ़ रहा है और अब मॉनसून को प्रभावित नहीं करेगा।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार चक्रवाती तूफान इस समय उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। कुछ समय के बाद यह उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा में जाएगा। चक्रवाती तूफान के साथ 110 से 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से हवाएं चल रही हैं। इसके प्रभाव से समुद्र में हलचल व्यापक रूप में बढ़ गई है। समुद्री लहरों की ऊंचाई 8 से 10 मीटर को भी पार कर रही है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों क मानना है कि चक्रवात के और प्रभावी होने के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनी हुई हैं। माना जा रहा है कि जमीनी क्षेत्रों पर पहुंचने से पहले तक यह लगातार सशक्त होता रहेगा।

चक्रवाती तूफान मेकुनु आज रात या कल सुबह तक अति भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है और इसके आसपास हवा की गति 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। समुद्री लहरें भी 12 से 14 मीटर की ऊंचाई तक पहुँच सकती हैं। तूफान मेकुनु बृहस्पतिवार की सुबह सोकोत्रा द्वीप पर हिट करेगा जिससे व्यापक तबाही की आशंका है। यहाँ लैंडफॉल से पहले ही भारी बारिश और भीषण तूफानी हवाएं चलने लगी हैं।

चक्रवाती तूफान मेकुनु मध्य पूर्व और पूर्वी अफ्रीका को प्रभावित करेगा। अनुमान है कि 26 मई को यह यमन और वोमान के बीच से जमीन क्षेत्रों पर पहुंचेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अति भीषण रूप लेने के बाद मेकुनु की क्षमता कम से कम 36 घंटों तक बनी रह सकती है।

चक्रवाती तूफान ‘मेकुनु’ का मॉनसून 2018 पर प्रभाव

अरब सागर में विकसित हुए चक्रवाती तूफान के प्रभाव से दक्षिण पश्चिम मानसून 2018 की रफ्तार प्रभावित हुई है। इसके चलते मॉनसून अब तक अंडमान निकोबार नहीं पहुंचा। इससे पहले स्काइमेट ने सभी अनुकूल स्थितियों को देखते हुए संभावना जताई थी कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 20 मई को अंडमान व निकोबार तक पहुँच जाएगा।

हालांकि अब भी चिंता करने की बात नहीं क्योंकि चक्रवात मेकुनु अरब सागर के उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसका प्रभाव प्रायद्वीपीय भारत के आसपास अब नहीं दिखेगा, जिससे मॉनसून में प्रगति होगी और मॉनसून 25 मई तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व तथा अंडमान सागर में दस्तक दे सकता है। इसके साथ ही इस बात की भी व्यापक संभावनाएं दिखाई दे रही हैं कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2018 केरल में भी सभावित समय यानि 28 मई तक दस्तक दे सकता है।

source- skymet