इतिहास में आज: 21 अक्टूबर

21 अक्टूबर 1959 के दिन न्यूयॉर्क शहर के फिफ्थ एवेन्यू में एक एक अजीब सी संरचना वाली सफेद कंक्रीट इमारत के बाहर हजारों लोग लाइन लगाए खड़े थे. वह इमारत एक ऐसे विशालकाय कपकेक जैसी दिखती थी जिसे उल्टा रखा गया हो. वह नए गूगेनहाइम म्यूजियम के उद्घाटन का दिन था जहां दुनिया के सर्वश्रेष्ठ समकालीन कला के नमूने सहेज कर रखे गए थे.

एक बड़े खनन व्यापारी रहे सोलोमन गूगेनहाइम ने 1930 में अपने रिटायरमेंट के बाद से गंभीरता से कला संग्रह का काम करना शुरु किया. हिला रेबे नाम की एक जर्मन कलाकार की मदद से 1939 में पहली बार उनके संग्रह की प्रदर्शनी लगी. यह प्रदर्शनी एक पुराने कार शोरुम में थी जो कुछ ही सालों में उनके संग्रह के लिए छोटा पड़ने लगा. अब तक गूगेनहाइम के संग्रह में कांडिन्स्की, पॉल क्ली और मार्क शागाल जैसे नामी कलाकारों की कृतियां आ चुकी थीं. साल 1943 में रेबे ने मशहूर आर्किटेक्ट फ्रैंक लॉएड राइट से संपर्क किया और उनसे एक ऐसा संग्रहालय डिजाइन करने का अनुरोध किया जो कलाप्रेमियों के लिए बिल्कुल अनूठा हो.

राइट इस विचार पर अगले 16 साल तक काम करते रहे. उनकी मृत्यु के छह महीने पहले ही यह बन कर तैयार हुआ. राइट के प्रशंसक मानते हैं कि यह कला संग्रहालय अपने आप में कला का बेहतरीन नमूना है. इसके गोल गोल चक्करों वाले गलियारे और गुंबद के आकार वाली कांच की छत के साथ यह इमारत किसी विशालकाय समुद्री घोंघे के जैसी लगती है. इस संग्रहालय में सहेज कर रखी गई कलाकृतियों की जितनी ही तारीफ खुद म्यूजियम के आर्किटेक्चर की भी होती है. साल 1993 में इसके नवनीकरण का काम हुआ और इसका विस्तार किया गया. अब भी हर साल 9 लाख से ज्यादा पर्यटक गूगेनहाइम म्यूजियम पहुंचते हैं.

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