उना दलित कांड के शिकार परिवार ने कहा- राष्ट्रपति कोई बने, हमारा दर्द नहीं मिटेगा, आज भी हमारी जान ले सकते हैं गौरक्षक

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रामनाथ कोविंद को एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करते हुए उन्हें “गरीब दलित परिवार में जन्मा पार्टी का वरिष्ठ नेता बताया।” कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीरा कुमार को यूपीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करते हुए कहा कि उन्हें “गर्व” है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर विपक्ष की पसंद “दलित” नेता हैं। लेकिन बालू सरवैया दोनों ही उम्मीदवारों को दलितों का प्रतिनिधि नहीं मानते। पिछले साल 11 जुलाई को गुजरात के उना में बालू के दो बेटों और दो भतीजों की कथित गौरक्षकों ने पिटाई कर दी थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि गाय को एक शेर ने मारा था। गुजरात में दलितों ने इस पिटाई के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किए। 47 वर्षीय बालू सरवैया बुद्ध, बीआर अंबेडकर और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती की तस्वीर की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं, “वो जैसी भी हों हम मायावती के साथ हैं।”

 

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