नई दिल्ली(16 जुलाई): चीन-पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से निपटने के लिए, सैन्य आधुनिकीकरण के लिए सशस्त्र बलों ने अगले 5 साल में 26.84 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने की मांग की है।
– एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक 10-11 जुलाई को DRDO समेत सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद यूनिफाइड कमांडरों के सम्मेलन में 2017-2022 के लिए 13वीं समेकित रक्षा योजना पेश की गई, जिसका अनुमान 26,83,924 करोड़ रुपये का है।
– रक्षा बजट में बढ़ोतरी की मांग ऐसे समय में आई है, जब जब सिक्किम में चीन के साथ टकराव चल रहा है और एलओसी पर पाकिस्तान के साथ लगातार गोलीबारी हो रही है।
– हालांकि सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने आश्वासन दिया कि आधुनिकीकरण परियोजनाओं के लिए पूंजीगत व्यय प्राथमिक होगा। लेकिन यह भी सच है कि वास्तविक वार्षिक रक्षा बजट ने आधुनिकता के बजट में गिरावट का एक स्पष्ट रुझान दिखाया है।
– मौजूदा समय में रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपये है। ये जीडीपी का 1.56% है। सेना चाहती है कि रक्षा बजट को बढ़ाकर जीडीपी के 2 फीसदी तक किया जाए।
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