जननी सुरक्षा को लेकर डफरिन हॉस्पिटल बेपरवाह! पिछले 8 दिनों से खराब अल्ट्रासाउंड मशीन, रूम में लगा ताला

  •  कानपुर के उर्सला हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने से दर दर भटक रहीं जननी
  •  सरकार के चिकित्सा व्यवस्था सुधार की लाख कोशिशों के बावजूद भी कानपुर के सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल
  •  मशीन खराब का विभाग में लगा दिया गया बोर्ड, जिम्मेदारों को नहीं है कोई परवाह
  •  अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने से प्राइवेट में रुपये 500 से 1800 खर्चे के बोझ से परेशान महिलायें

कानपुर महानगर| (सर्वोत्तम तिवारी) उत्तरप्रदेश में सरकार द्वारा चिकित्सा व्यवस्था के सुधार को लेकर किये जा रहे लाख उपायों की पोल उस समय खुल गई जब कानपुर में उर्सला हॉस्पिटल (डफरिन) में खराब हुई अल्ट्रासाउंड मशीन 8 दिनों के बाद भी ठीक नहीं हो पाई|
शहर के डफरिन अस्पताल में जननी सुरक्षा इस वक्त सवालों के घेरे में है| क्योंकि अस्पताल के अन्दर गर्भवती महिलाओं हेतु जाँचों के लिये लगाई गई अल्ट्रासाउंड मशीन पिछले एक हफ्ते से खराब है|

अस्पताल प्रशासन द्वारा अल्ट्रासाउंड डिपार्टमेंट (रूम) के बाहर मशीन खराब है का बोर्ड लगा दिया गया और रूम में ताला लगा दिया|
अस्पताल परिसर में पहुँचने वाली महिलाओं को जहाँ अल्ट्रासाउंड रूम के पास सिर्फ बोर्ड लिखा दिख रहा है वहीं इधर उधर भटकते हुये पूँछने पर किसी न किसी द्वारा बता दिया जाता है कि मशीन खराब है|

लेकिन किसी जिम्मेदार द्वारा ये नहीं बताया जाता कि मशीन कब सही होगी और जरूरत मन्द को इसकी  सुविधा कब मुहैया होगी|
वहीं अल्ट्रासाउंड मशीन की खराबी के विषय में जानकारी के लिये अस्पताल की प्रमुख अधीक्षिका नीता रानी को फोन मिलाया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया|

अब सोंचने वाली बात ये है कि यू0पी0 सरकार शिक्षा और चिकित्सा की बात करती है जिसमें कई योजनायें भी चलाई जा रही हैं लेकिन सरकारी अस्पतालों में हो रही ऐसी गंभीर गड़बड़ियों में इतनी लापरवाही बरतने से आखिर कैसे चिकित्सा सेवा दुरुस्त कही जा सकती है|