डेल्टा वैरिएंट पर केंद्र सरकार अलर्ट,वही कोविड-19 टीकाकरण मिथक प्रचार,केंद्र का तथ्यत्मक पक्ष ,

नयी दिल्ली,23 जून2021, कोरोना महामारी का कहर जब थमने लगा,वही बड़ी तेजी से फैलने वाले नए कोरोना डेल्टा वेरिएंट( B.1.617.2) के चलते ब्रिटेन में कोराना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर जारी होने की सूचना मिली,यह वेरिएंट ब्रिटेन में हर 11 वे दिन दुगना हो रहा है। इस बात को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट है। भारत में डेल्टा वैरिएंट को रोकने के लिए सरकार को टीकाकरण कार्यक्रम पर सलाह देने
यह भी ख़ुशी की बात है कि 21 जून को भारत में 86 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई गई, अगर टीकाकरण की यह रफ्तार बनी रही तो 18 साल से अधिक 95 करोड़ की जनसँख्या को पूरी तरह टीकाकरण करने के लिए करीब छह से सात महीने और लगेंगे, अभियान के अंतर्गत उन लोगों के लिए टीकाकरण सत्र आयोजित करने को लेकर विशेष प्रावधान किये गए हैं जिनके पास कोई भी पहचान पत्र नहीं है या जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है। वृद्धजनों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उनके घर के पास ही टीकाकरण सेवाएं भी प्रदान की गईं है। राष्ट्रीय औसत की तुलना में जनजातीय/ग्रामीण जिलों में कोविड-19 टीकाकरण कवरेज भी बेहतर है।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह आरोप लगाया गया है कि तकनीकी जरूरतों की अनुपलब्धता के कारण बेघर लोगों को कोविड-19 टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने से ‘रोका गया और साफ तौर पर छोड़ दिया गया’ है।इन रिपोर्टों में आगे कहा गया है कि ‘डिजिटल रूप से पंजीकरण करने की आवश्यकता’, ‘अंग्रेजी का ज्ञान और कंप्यूटर या इंटरनेट से जुड़े स्मार्ट फोन तक पहुंच’ कुछ ऐसे कारक हैं, जो लोगों को टीकाकरण से वंचित करते हैं।ये दावे निराधार हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। यह साफ किया जाता है कि एक मोबाइल फोन का स्वामित्वकोविड टीकाकरण के लिए कोई आधार नहीं है।टीकाकरण का लाभ लेने के लिए पता का प्रमाण प्रस्तुत करना भी अनिवार्य नहीं है।टीकाकरण का लाभ लेने के लिए को-विन पर ऑनलाइन पूर्व-पंजीकरण करना अनिवार्य नहीं है।
उपयोग करने वालों को आसानी से समझ आने के लिए को-विनअब 12 भाषाओं में उपलब्ध है। इनमें हिंदी, मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, गुजराती, ओड़िया, बंगाली, असमिया, गुरुमुखी (पंजाबी) और अंग्रेजी हैं।को-विन प्लेटफॉर्म एक समावेशी आईटी प्रणाली है जो देश के सबसे दूरस्थइलाकों के साथ-साथ सबसे कमजोर लोगों के लिए कवरेज की सुविधा को लेकर सभी जरूरी सुविधाओं के साथ एक लचीला ढांचा प्रदान करता है।वहीं टीकाकरण का लाभ लेने के लिए आधार, मतदाता फोटो पहचान पत्र, फोटो के साथ राशन कार्ड औरदिव्यांगतापहचान पत्रआदि सहित नौ पहचान पत्रों में से एक की जरूरत है।भारत सरकार ने उन लोगों के लिए टीकाकरण सत्र आयोजित करने को लेकर विशेष प्रावधान किए गए हैं जिनके पास नौ निर्दिष्ट पहचान पत्र नहीं हैं या जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है।

इन प्रावधानों का पूरा लाभ उठाते हुए अब तक इस तरह के 2 लाख से अधिक लाभार्थियों का टीकाकरण किया जा चुका है।वृद्धजनों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उनके घर के पास ही टीकाकरण सेवाएं भी प्रदान की गईं।भारत सरकार ने 27 मई 2021 को वृद्धजनों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए घर के पास टीकाकरण केंद्र सेवाओं के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।

उन लोगों के लिए जिनके पास इंटरनेट या स्मार्ट फोन या यहां तक कि मोबाइल फोन तक पहुंच नहीं है, सभी सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त ऑन-साइट पंजीकरण (जिसे लोकप्रिय रूप से वॉक-इन भी कहा जाता है) और टीकाकरण उपलब्ध है।अब तक दिए गए टीके की खुराकों में 80प्रतिशत ऑन-साइट टीकाकरण मोड में दी गई हैं।ऑन-साइट (या वॉक-इन) टीकाकरण में पंजीकरण, टीकाकरण और टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सभी जानकारी को दर्ज करने का काम टीका देने वाले करते हैं और लाभार्थी को केवल बुनियादी न्यूनतम आवश्यक जानकारी देने की जरूरत होती है।

इसके अलावाराष्ट्रीय औसत की तुलना में जनजातीय जिलों में कोविड-19 टीकाकरण कवरेज बेहतर पाया गया है।आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 70 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं, जिनमें 26,000 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 26,000 से अधिक उप-स्वास्थ्य केंद्रों में हैं।@फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम

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