नई पहल : योगी सरकार की मदद से हर जनपद में खुलेगा साइबर थाना

DGP सुलखान सिंह

प्रदेश में बढ़ रहे साइबर क्राइम को देखते हुए प्रदेश सरकार एक नई पहल की शुरूआत कर रहा है। लखनऊ-नोएडा के बाद अब प्रदेश के हर जनपद में साइबर थाना (cyber police station) खुलेगा। प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक ने सभी जनपदों से पिछले तीन साल में हुए साइबर अपराध की घटनाओं का ब्योरा इकठ्ठा कर लिया है। 6 दिसंबर को लखनऊ में इस पर बैठक बुलाई है।

6 दिसंबर को होगी बैठक

पिछले दिनों विधानसभा में बढ़ते साइबर क्राइम का मुद्दा उठा था। विधानमंडल सदस्य ने मांग उठाई थी कि साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए प्रदेश के हर जिले में साइबर थाना खोला जाए। इन थानों में अत्याधुनिक संसाधन हों और उनका स्टाफ आईटी व साइबर मामलों में जानकार हो। प्रदेश के पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार ने इस बाबत सभी जिलों के एसएसपी को पत्र लिखा है। सूचना मांगी है कि उनके जिले में साइबर अपराध की क्या स्थिति है। साइबर यूनिट संचालित करने के लिए कितना स्टाफ लगा है।

 

मेरठ में साइबर के इतने मामले आए सामने

एसपी क्राइम शिवराम यादव ने बताया कि लखनऊ में पहले यह बैठक छह नवंबर को होनी थी, जो अब स्थगित हो गई है। यह बैठक अब छह दिसंबर को होगी। इस बैठक में डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और विधानमंडल की आश्वासन समिति मौजूद रहेगी। मेरठ में इस साल सात सौ मामले, पिछले दो साल में मेरठ में साइबर अपराध पांच गुना बढ़ गया है। इस साल ही करीब सात सौ घटनाएं सामने आई हैं।

साइबर क्राइम यूनिट मेरठ में वर्ष 2015 में मात्र 132 शिकायतें सामने आईं। वर्ष 2016 में ये बढ़कर 554 हो गईं। इस साल जनवरी से 28 अक्तूबर तक 678 शिकायतें आ चुकी हैं। देखा जाए तो हर महीने साइबर अपराध के 70 मामले सामने आ रहे हैं। इस प्रकार अभी आने वाले 2 महीनों में डेढ़ सौ शिकायतें और आ सकती हैं।

सिर्फ नोएडा-लखनऊ में हैं साइबर थाना

अभी तक साइबर थाना मेरठ जोन में नोएडा में खुला हुआ है। दूसरा थाना लखनऊ में है। दोनों थानों की मॉनीटरिंग खुद एसटीएफ कर रही है। इन थानों में केवल वही मामले दर्ज किए जाते हैं, जिनमें 10 लाख रुपये से ज्यादा का फ्रॉड हुआ है। मेरठ की बात करें तो यहां 70 लाख तक के फ्रॉड के मामले सामने आ चुके हैं।

 

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