पिछले 4 सालों में भारत में 400 से ज्यादा बार इंटरनेट बंद किया गया

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भारत में इंटरनेट बंद होने की घटनाएं चिंताजनक गति से बढ़ रही हैं । कश्मीर अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद, नवंबर 2019 में देश भर में सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शन कई बार इंटरनेट बंद किया गया, और अब विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर 2020 से विरोध कर रहे किसान के चलते कई बार इंटरनेट बंद किया गया.

इंटरनेट बंद करने से लगभग 2 करोड रुपए पर घंटे से का नुकसान होता है |

ये कुछ ऐसे उदाहरण हैं जिन्हें हम  याद करते हैं, जब इंटरनेट को “कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए” निलंबित कर दिया गया था । भारत स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय सरकारों द्वारा लगाए गए इंटरनेट शटडाउन की संख्या में अब तक दुनिया में सबसे ऊपर है । साल 2021 से भारत में इंटरनेट लॉकडाउन का सिलसिला शुरू हो चुका है।

देश में अपने पहले महीने में इंटरनेट शटडाउन की सात घटनाएं देखी गई हैं-जिनमें पिछले एक महीने में हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किसानों के विरोध स्थल पर पांच मामले शामिल हैं । विरोध स्थल के आसपास इंटरनेट सेवाओं के निलंबन ने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया है, यहां तक कि सरकार ने किसानों के विरोध स्थल पर इंटरनेट बंद नहीं बढ़ाया है ।

पत्रकारों, वकालत समूहों और नागरिकों की खबरों पर निर्भर SFLC.in के मुताबिक २०१९ में ९३ शटडाउन हुए हैं । इसी पोर्टल के मुताबिक 2018 में भारत में इंटरनेट सेवा में 134 बार कटौती की गई। हरियाणा के झज्जर, सोनीपत और पलवल जिलों को हाल ही में इंटरनेट शटडाउन का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा है, जिससे पिछले चार वर्षों में कुल संख्या ४०० से अधिक हो गई है ।