प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री मोरारजीभाई देसाई को श्रद्धांजलि अर्पित की

नयी दिल्ली, 28 फरवरी 2022, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजीभाई देसाई को श्रद्धांजलि अर्पित की है।एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः “मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री मोरारजीभाई देसाई को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। राष्ट्र निर्माण में अपने स्मरणीय योगदान के लिये उनका व्यापक रूप से सम्मान किया जाता है। उन्होंने भारत को और समृद्ध बनाने के लिये विस्तृत प्रयास किये। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में शुचिता पर सदैव बल दिया।”

आइये आपको बताते चले कि मोरारजी देसाई का जन्म 29 फ़रवरी 1896 गुजराती परिवार में हुआ था।मृत्यु 10 अप्रैल 1995 को हुई। भारत के स्वाधीनता सेनानी, राजनेता और देश के चौथे प्रधानमंत्री (सन् 1977 से 79) थे। वह प्रथम प्रधानमंत्री थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बजाय अन्य दल(janta party) से थे। वही एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया था।

लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री बनने के दो साल के भीतर ही 11 जनवरी, 1966 का ताशकंद में उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हुई, इसके बाद एक बार फिर से मोरारजी देसाई के सामने प्रधानमंत्री बनने का अवसर पैदा हुआ. लेकिन इस बार भी उन्हें निराश होना पड़ा और कांग्रेस ने इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री चुन लिया,हालांकि, इस दफा मोरारजी ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था.

नवम्बर 1969 में जब कांग्रेस का विभाजन कांग्रेस-आर और कांग्रेस-ओ के रूप में हुआ तो मोरारजी देसाई इंदिरा गांधी की कांग्रेस-आई के बजाए सिंडीकेट के कांग्रेस-ओ में चले गए। फिर 1975 में वह जनता पार्टी में शामिल हो गए,1975 में आपातकाल के खि लाफ जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जो आंदोलन चला उसमें मोरारजी भी शामिल थे और इस आंदोलन से निकली जनता पार्टी जब 1977 के चुनावों में जीतकर आई तो अंततः मोरारजी देसाई का प्रधानमंत्री पद के लिए लंबा इंतफोर्थ जार समाप्त हुआ.

जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने तो उन्‍होंने शराब पर पाबंदी के अलावा कई सारे कदम उठाए। इसके अलावा, वे हॉर्स रेसिंग और क्रॉसवर्ड पजल्‍स पर भी पाबंदी लगाने के पक्ष में थे। मैंने उनको ध्‍यान में रखते हुए एक कॉर्टून बनाया था। इसी से वह गुस्‍सा गए और उन्‍होंने आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक बुलाई। उन्‍होंने कहा कि क्‍या इन कॉर्टून पर बैन लगाने का कोई रास्‍ता है कि वे कैसे आम लोगों की अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता का हनन कर रहे हैं। जनता पार्टी के नेतृत्व में मोरारजी देसाई की सरकार चल रही थी।

मोरारजी देसाई ने 1930 में ब्रिटिश सरकार की नौकरी छोड़ दी और स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही बन गए। 1931 में वह गुजरात प्रदेश की कांग्रेस कमेटी के सचिव बन गए। उन्होंने अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की शाखा स्थापित की और सरदार पटेल के निर्देश पर उसके अध्यक्ष बन गए। 1932 में मोरारजी को 2 वर्ष की जेल भुगतनी पड़ी। मोरारजी 1937 तक गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रहे,23 मार्च 1977 को 81 वर्ष की अवस्था में मोरारजी देसाई ने भारतीय प्रधानमंत्री का दायित्व ग्रहण किया।

@ फोर्थ  इंडिया न्यूज़ टीम

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