बिछड़ों को अपनों से मिलाएगा SP आशीष तिवारी का ये एप

मिर्जापुर के एसपी अशीष तिवारी एक ऐसा मोबाइल एप बनवा रहे हैं, जिसकी मदद से अपने परिवार से बिछड़े और लापता बच्चों को खोज निकालना पुलिस के लिए और भी आसान हो जाएगा। एसपी आशीष तिवारी एक आईआईटियन भी रह चुके हैं। यही वजह है कि एसपी टेक्नोलॉजी के इम्पैक्ट को बखूबी जानते हैं।

अगले साल किया जा सकता है लॉन्च 

एसपी मिर्जापुर आशीष तिवारी ने कहा है कि गुजरात और वाराणसी के यंग टेक्नोलॉजी जानकार स्टार्टअप के तहत ये काम कर रहे हैं। एप के मूर्त रूप लेने पर पुलिस की कार्यप्रणाली में तेजी और बदलाव नजर आएगा। फिलहाल, जिला स्तर पर एप का परीक्षण किया जा रहा है ताकि इस्तेमाल के दौरान सामने आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सके। एप के बार में गृह मंत्रालय और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया जाएगा।

दोनों मंत्रालय की हरी परमिशन मिलने पर 2018 की शुरूआत में एप ही इसे प्रभावी तौर पर लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि पूर्वांचल में वाराणसी और इसके आसपास के 9 जिलों में रोजाना पुलिस के पास 13-15 बच्चों के खोने की शिकायतें दर्ज कराई जाती हैं। पुलिस के मुताबिक, इनमें से कुछ बच्चे तो जल्द ही मिल जाते हैं, लेकिन ज्यादातर को खोजने के लिए कड़ी मेहनत करने के बाद भी निराशा ही हाथ लगती है।

ऐसे करेगा काम 

बता दें कि इस एप को देशभर के थानों और जिले की चाइल्ड लाइन से जोड़ा जाएगा। इस एप में ऐसी टेक्नोनॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जिसके सहारे किसी एक चेहरे से मिलते-जुलते 10 चेहरे आसानी से अलग किया जा सकेंगे। इसके बाद उन 10 चेहरों में कौन 100 प्रतिशत सही है, उसकी तस्दीक की जा सकेगी।

ऐसे समझिए, अगर कोई बच्चा मिर्जापुर से खो जाता है तो उसकी फोटो संबंधित क्षेत्र का थानेदार एप में अपलोड कर देगा। अगर वह बच्चा कोलकाता के किसी थाना क्षेत्र में पुलिस को मिला है तो वहां का थानेदार उसकी फोटो एप में अपलोड कर देगा। इसके बाद एप दोनों फोटो की मिलान कर बता देगा कि मिर्जापुर से खोया बच्चा कोलकाता में है या नहीं।

 

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