पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला कर चुकी मोदी सरकार ने अब ओबीसी कोर्ट के अंदर कोटे की व्यवस्था कर पिछड़ी जातियों में शुमार उन जातियों को राहत देने की तैयारी की है, जिन्हें आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।
गौरतलब है कि बीती सदी के नब्बे के दशक में मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के बाद से ही ओबीसी आरक्षण व्यवस्था की सिफारिश की मांग उठती रही है। जेटली ने बताया कि यूपीए शासनकाल के दौरान वर्ष 2011 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी में उपश्रेणियां बनाने की सिफारिश की थी। उसके बाद वर्ष 2012-13 में संसद की स्थाई समिति ने भी इसी आशय की सिफारिश की थी।
अब मंत्रिमंडल ने सिफारिशों के अनुरूप नई व्यवस्था के लिए आयोग गठित करने का फैसला किया है। यूपीए सरकार के दौरान वर्ष 2013 में इसकी समीक्षा की गई थी मगर कोई फैसला नहीं लिया गया था।