मुख्यमंत्री ने रिवाईविंग रिवर रिस्पना एप का किया शुभारम्भ

देहरादून। (विष्णु तिवारी ) मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया की रिस्पना नदी का नाम पहले ऋषिपरना नदी था इसे बाद में लोग ऋषिपरणा कहने लगे यहाँ पूर्व में ऋषि आकर बसे थे वहीँ से नदी बहती थी तबसे यह ऋषिपरणा के नाम से मशहूर हो गया बाद में इसे रिस्पना कहा जाने लगा, अब सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रिस्पना को पूर्व का ऋषिपरणा नाम ही नहीं दिया बल्कि इसे पनर्जिवित करने का काम किया है,इतना ही नहीं इस नदी को पुनर्जीवित करने के लिए इको टास्क फोर्स से मिलकर नदी को स्वच्छ करने की मुहीम शुरू कर दी हैं.

जहां ईको टास्क फोर्स द्वारा आयोजित विधानसभा के निकट राजकीय पूर्वमाध्यमिक विद्यालय में  आयोजित कार्यक्रम में  रिस्पना नदी में किल वेस्ट मशीन (Kill Waste Machine) व रिवाईविंग रिवर रिस्पना एप (Reviving River Rispana App) का शुभारम्भ किया,इस मशीन के माध्यम से 01 घंटे में 100 किलो कूड़े का निस्तारण किया जा सकेगा एवं एप के माध्यम से समय-समय पर रिस्पना नदी से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त हो सकेगी। यह मशीने बंगलुरु की कंपनी के द्वारा संचालन किया जा रहा है.

वहीँ मशीन बनाने वाली कम्पनी का कहना है की इन मशीन में कूड़ा डालने के पश्चात् मशीने उन कूड़ों को मशीन बिलकुल ही जला देती है और उसका धुंआ ऊपर की तरफ जाता है,जबकि नष्ट होने वाले कूड़े से होने वाला धुंआ लोगों के लिए जानलेवा व् घातक भी साबित हो सकता हैं,अब देखना होगा की जहाँ एक और ऐन जी टी द्वारा आग जलाने पर प्रतिबन्ध कर रखा है,वहीं अब देखना होगा की एन जी टी का इस स्वछता अभियान पर अपनी आपत्ति दर्ज़ करती भी है या नहीं,मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून के पर्यावरण संरक्षण में रिस्पना नदी का अपना महत्व है।इस नदी का पुनर्जीवीकरण एवं सौन्दर्यीकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। स्वच्छता की इस पहल में उन्होंने सभी से सहभागी बनने की अपेक्षा की है। इस स्वच्छता अभियान के अवसर पर आये मुख्य अतिथि स्वामी चितानन्द ने सरकार के द्वारा उठाये गया सार्थक व् सराहनीये कदम बताया,कारण चितांनद स्वामी वर्षों से नदी बचाने को लेकर अभियान चलते आये हैं अब सरकार भी इस मुहीम में अपनी कदम बढ़ा दी है.