म्यांमार मानवता का दमन,तख्ता पलट के बाद नागरिकों का संघर्ष

(भारत से अरुण सिंह चंदेल,एडिटर इन चीफ,फोर्थ इंडिया न्यूज़)
भारत, नई दिल्ली,म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद नागरिकों का संघर्ष लगातार अभी चल रहा है,यह सैन्य तख्ता पलट एक फरवरी 2021 से शुरू हुआ था। म्यांमार में गृहयुद्ध जैसे हालात बने हुए है ।सैन्य तख्तापलट के बाद अब तक हज़ारो लोग मारे जा चुके हैं,जबकि हजारों लोग घायल भी हुए हैं और हज़ारो लोग जेल में है,188,000 लोगो का पालयन हुआ वो या तो नार्थ ईस्ट,साउथ ईस्ट और वेस्ट की तरफ पालयन कर चुके है,इस बात का संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्टसे खुलासा हुआ है। म्यांमार की 32 वर्षीय ब्यूटी क्वीन तार तेत तेत (Htar Htet Htet)भी सेना के खिलाफ विद्रोह में असॉल्ट राइफल लेकर उतर गई, तेत भी अब सेना के खिलाफ विद्रोह में स्थानीय समूहों के साथ दे रही है । कुछ सप्ताह पहले तेत ने सोशल मीडिया पर अपनी एक फोटो शेयर करते हुए सेना के खिलाफ विद्रोही बयान दिया था।इस गृह-युद्ध में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ म्यांमार प्रशासन की दमनकारी कार्रवाई में बच्चों सहित, लोकतंत्र समर्थक बड़ी संख्या में मारे गये है, भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के. नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार पर हुई बैठक में कहा कि भारत म्यांमार में हुई हिंसा की निंदा करता है और वहां हुए जानमाल के नुकसान की भी भर्त्सना करता है। भारतक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) ने म्यांमार के मुद्दे पर आम सहमति के ‘पांच बिन्दु’ जारी किये थे ,जिनमें प्रमुख रूप से यह बाते है कि हिंसा तत्काल समाप्त हो और अपील की जाये – संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिये सभी पक्षों के बीच सकारात्मक वार्ता हो। म्यांमार सैन्य बलो की क्रूरता देखसमस्त संसार हैरान है,शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर युद्ध में इस्तेमाल किये जाने वाले हथियारो से हमला किया जा रहा है।

युद्ध जैसी वारदाते ज़्यादातर लोगो के कैमरे व सेल फोन में कैद है, जो कि एक सशक्त गवाही का प्रमाण बन सकता है, जब अन्तरराष्‍ट्रीय न्यायालय में यह मामला मानवता के दमन के लिये चलेगा। यह भी बड़े अफ़सोस की बात है कि म्यांमार सैन्य शासन ने दो पत्राकारों को जेल में डाल दिया,जैसे म्यांमार में औपनिवेशिक युग का कानून चल रहा हो। जबकि यह पत्रकार सच्ची घटनाओ की कवरेज कर रहे थे,दोनों पत्रकारों,आंग क्याव (Aung Kyaw ) डेमोक्रेटिक वौइस् ऑफ़ बर्मा (DVB) और जॉव जॉव (Jaw Jaw) स्वतन्त्र पत्रकार,मिज़्ज़िमा (Mizzima) को जेल भेजने पर पत्रकार संघठनो ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात माना है। म्यांमार सैन्य शासन का द्वारा संचालित साउथर्न मेंएक(southern Myeik) कोर्ट का कहना है कि इन पत्रकारों ने झूठी खबरे दे रहे थे। न्यूज़ संसथानो डेमोक्रेटिक वौइस् ऑफ़ बर्मा के अनुसार अब तक एक फरवरी से दूसरा पत्रकार है जो ग्रिफ्तार हुआ,वही मिज़्ज़िमा के अनुसार यह छठा पत्रकार है,जो ग्रिफ्तार हुआ है। सूत्रों का कहना है कि सैकड़ो पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है। स्कूलों और शिक्षा संस्थानों में हमले को संयुक्त राष्ट्र टीम ने गंभीर बताया।संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने म्यांमारमें सैन्य शासन तुरंत हटा कर यहाँ की जनता की आवाज़ सुनने को कहा।

मलेशियन क्लब के लिये खेलने वाले फुटबॉल खिलाड़ी हैन हेट आंग को “थ्री फिंगर सलूट”‘तीन-अंगुली की सलामी मयंमार शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के पक्ष में और सैन्य शासन के विरुद्ध में करने के लिए, एक मैच के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया गया,इसी तरह म्यांमार में चिकित्साकर्मियों ने तख्तापलट के विरोध में तीन अंगुलियों की सलामी का प्रयोग कर रोष जताया था। इसके बाद युवा प्रदर्शनकारियों ने इस संकेत को अपनाया और बाद में फोर्सओवर अधिग्रहण के एक हफ्ते बाद यंगून में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन में यहाँ देखा गया था.विदित हो कि म्यांमार की सेना ने लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंका और वरिष्ठ नेता, राज्य काउंसलर आंग सान सू की सहित अन्य लोकतांत्रिक तौर पर चुने गये बड़े नेताओं को ग्रिफ्तार कर जेल में डाल दिया और एक साल का आपातकाल घोषित कर दिया। तब से लगातार विद्रहों व गृहयुद्ध का दौर चल रहा है।

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