यूपी की कानून व्यवस्था तारतार -योगी राज में सुरक्षित नहीं पुलिस अधिकारी, आम जनता का क्या होगा ,आईपीएस अधिकारी पर हमला, क्या आईपीएस हिमांशु के हाथ-पैर तोड़े गये?

बाँदा।  उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था संभालने वाले आईपीएस अधिकारी ही खुद सुरक्षित नहीं हैं। इन अधिकारियों के मातहत पुलिस कर्मी ही इनपर हमला कर रहे हैं। अवैध वसूली में मातहत इतने अंधे हो गये हैं कि उन्हें अपने ही अधिकारी दिखाई नहीं देते हैं। नतीजा यह हो रहा है कि पुलिस कर्मी ही साहब का हाथ पैर तोड़कर अस्पताल में भेज दे रहे हैं। आप को भी सोचकर हैरानी हो रही होगी कि भला आईपीएस अधिकारी पर ही उनके ही मातहत क्यों हमला करेंगे?

आईपीएस अधिकारी पर हमला

जी हां, एक ऐसा ही वाकया शनिवार को बांदा जिले के गिरवा थाने में देखने को मिला है, जहां पुलिस कर्मी ट्रकों से अवैध वसूली कर रहे थे। इस दौरान जब आईपीएस अधिकारी ने इनको रंगे हाथ पकड़ लिया तो खुद पुलिस कर्मी ही अधिकारी पर लाठी डंडों से पिल पड़े और हाथ-पैर तोड़कर गंभीर रूप से घायल कर दिये। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब जनता को सुरक्षा देने वाले अधिकारी ही असुरक्षित हैं तो आम जनता कैसा महसूस कर रही होगी?

अवैध वसूली करते रंगे हाथ पकड़े

बता दें कि बांदा जिले के गिरवा थानान्तर्गत ट्रकों से बालू खनन कर ले जाने की शिकायत पिछले कुछ दिनों से लगातार डीजीपी कार्यालय को मिल रही थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए डीजीपी ने गोपनीय रखते हुए 27 जनवरी शनिवार को मुख्यालय से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार और मोहित गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों का एक दल गिरवा भेजा। मौके पर पहुंचे दल ने पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोगों को ट्रकों से वसूली करते रंगे हाथ पकड़ लिया। इसी बीच पुलिसकर्मियों ने हमला बोल दिया। हमले में आईपीएस अधिकारी हिमांशु के हाथ पैर टूट गये।

इस मामले में बांदा जिले की पुलिस अधीक्षक शालिनी ने बताया कि मामले में गिरवा थानाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह और एक सिपाही को निलंबित कर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।अभी हाल में प्रदेश को नये डीजीपी तो मिल गये हैं लेकिन कानून व्यवस्था संभालने में उनके सामने भी बड़ी चुनौतियां हैं |