लोग कह रहे हैं कि 5 बजे शाम में शपथ की खबर फैलाकर चच्चा ने ‘निमूच्छा’ को गच्चा दे दिया !

पटना. सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद आरजेडी को सरकार बनाने का दावा पेश करने तक का मौका नहीं मिला तो ये नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक माना जाएगा. शाम 5 बजे शपथ की खबर फैलने के बाद आरजेडी सुबह राज्यपाल के पास जाने की तैयारी में थी कि आधी रात नीतीश ने दावा किया और शपथ का न्योता ले आए.
अब तेजस्वी यादव समेत आरजेडी के तमाम नेता इसे संविधान और लोकतंत्र की हत्या करार देकर सड़क पर उतरने की बात कर रहे हैं तो आंदोलन अपनी जगह लेकिन सरकार बनाने का मौका तो आरजेडी के हाथ से पूरी तरह निकल चुका है.
ये बात ठीक है कि राज्यपाल या राष्ट्रपति सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता देते हैं लेकिन गठबंधन की राजनीति के दौर में राज्यपाल या राष्ट्रपति सरकार बनाने का न्योता देने से पहले ये भी देखते हैं कि सबसे बड़ी पार्टी से ज्यादा बड़ा कोई समूह गठबंधन के तौर पर तो नहीं है.
बिहार के मामले में यही हुआ. 71 विधायकों वाले नीतीश कुमार को 53 विधायकों वाली बीजेपी का साथ मिला तो इनकी कुल ताकत 243 सदस्यों की विधानसभा में 124 हो गई जहां 122 विधायकों के समर्थन से ही बहुमत साबित हो सकता है. बीजेपी की सहयोगी पार्टियों के 5 विधायक अलग है.
Read More- InKhabar