वर्ल्ड रैंकिंग 2018 में भारतीय यूनिवर्सिटीज का प्रदर्शन हुआ कमजोर

संयुक्‍त अरब अमीरात के दो संस्थान अपने इतिहास में पहली बार टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में शामिल हुए हैं, जबकि ऑक्सफोर्ड लगातर दूसरे साल पहले नम्‍बर पर रहा है, वहीं कैंब्रिज दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. इस बीच, भारत में आईआईटी दिल्ली और आईआईएससी बैंगलोर जैसे प्रमुख संस्थानों के लिए दुख की खबर है, जिनकी रैंकिंग में गिरावट आई है.

रैंकिग के मुताबिक, टॉप 1,000 यूनिवर्सिटीज में भारतीय विश्वविद्यालयों की संख्‍या 31 से घटकर 30 रह गई है. देश के प्रमुख विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान संस्थान को 201-250 ग्रुप से हटाकर 251-300 बैंड में कर दिया गया है, क्योंकि इसकी शोध आय और उद्धरण प्रभाव में कमी आई है.

आईआईटी दिल्ली को 351-400 ग्रुप से हटाकर 501-600 और आईआईटी कानपुर को भी 401-500 से 501-600 ग्रुप में कर दिया गया है. आईआईटी में केवल आईआईटी बांबे की रैंकिंग में बदलाव नहीं किया गया है. इसकी रैंकिग 351-400 के बीच की है.

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में आईआईटी के अलावा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, भारतीय विद्यालय खान, जादवपुर विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान राउरकेला, पंजाब विश्वविद्यालय, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, तेजपुर विश्वविद्यालय, अमृता विश्वविद्यालय, आंध्र विश्वविद्यालय, अन्नामलाई विश्वविद्यालय, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और साइंस पिलानी, कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोचीन विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जामिया मिलिया इस्लामिया, केरल विश्वविद्यालय, उस्मानिया विश्वविद्यालय, पांडिचेरी विश्वविद्यालय, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, थापर विश्वविद्यालय और वीआईटी विश्वविद्यालय ने विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में अपना स्थान बनाए रखा है.

जबकि, चीन ही एकमात्र ब्रिक्स राष्ट्र है, जो नाटकीय रूप से उन्नत हुआ है, यह अब तालिका में चौथा सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला राष्ट्र है, टॉप 200 में इसके 60 विश्वविद्यालय शामिल हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड ने लगातर दूसरे साल में अपना पहला स्थान बनाए रखा है, जबकि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय चौथे स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच गया है.

 

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