शहर में चेचक और खसरे ने पैर पसारे- वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन

बदलते हुए मौसम ने सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में वायरस जनित बीमारियां जैसे खसरा चेचक एवं जर्मन मीजल्स का खतरा बहुत बढ़ गया है जिस पर ग्वालटोली स्थित आरोग्यधाम में एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें बोलते हुए आरोग्यधाम के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन ने बताया कि होम्योपैथी दवाएं वायरल जनित बीमारियों में अच्छा प्रभाव दिखाती हैं। बदलते मौसम में कोरोनावायरस के साथ वायरल जनित बीमारियां जैसे चेचक खसरा एवं जर्मन मीजल्स ने भी अपने पैर पसार लिए हैं।

“होम्योपैथी से चेचक खसरा समेत मीजल्स को रखें दूर”

आरोग्यधाम के होम्योपैथिक क्लीनिक में आज मछली हाता ग्वालटोली निवासी आशीफा (5 वर्ष ) पुत्री अकील अहमद मो. न. 8922863689 दिखाने आई जिन्हें पिछले 2 दिन से जाड़ा देकर तेज बुखार के साथ बदन में दर्द, सिर दर्द, उल्टी, जुखाम, गले में खराश के साथ पूरे शरीर पर दाने थे। जोकि खसरे के लक्षण थे। एक दूसरे केस में सूटर गंज निवासी रोहित पुत्र रवीश कुमार उम्र 6 महीने दिखाने आए जी ने लगभग समान लक्षणों के साथ तेज बुखार की शिकायत थी। “डॉ हेमंत मोहन” ने बताया कि यह दोनों केस खसरे के हैं। खसरे के लक्षणों में मरीज में ओस की बूंदों के जैसे दाने शरीर पर पड़ने लग जाते हैं एवं जाड़ा देकर तेज बुखार आता है। इस स्थिति में होम्योपैथी कि वरियोलिनाम दवा अत्यधिक कारगर सिद्ध होती है। “आरोग्यधाम की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरती मोहन” ने बताया मीजल्स, चिकन पॉक्स समेत कई संक्रामक रोगों में उच्च गुणवत्ता वाली होम्योपैथिक दवाएं कारगर सिद्ध हुई है।

“वेरियोलीनाम एवं मारबीलीनम ले, चेचक एवं खसरा भगाएं,वायरस जनित बीमारियां चेचक खसरा एवं जर्मन मीजल्स में अपनाएं होम्योपैथिक दवाएं”

होम्योपैथिक दवाई ,रस टॉक्स, यूपेटोरियम, वेरीयोलिनम, जेल्सीमियम, वायरल फीवर के विभिन्न लक्षणों में बहुत अच्छा प्रभाव दिखाती हैं। जिनको किसी कुशल होम्योपैथिक चिकित्सक के दिशा निर्देशों के अनुसार लेने से हम इन संक्रामक रोगों से लड़ सकते हैं यह जानकारी जनहित में आरोग्यधाम के “डॉक्टर हेमंत मोहन व डॉक्टर आरती मोहन” ने दी।

@फोर्थ इंडिया न्यूज़

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