सात साल में तीन गुना बढ़ी अमित शाह की संपत्ति

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को गांधीनगर लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। शाह के हलफनामे से पता चलता है कि उनकी संपत्ति पिछले सात साल में तीन गुना बढ़ी है।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने हलफनामे के हवाले से बताया है कि  शाह और उनकी पत्नी की चल और अचल संपत्ति 2012 के 11.79 करोड़ रूपये से बढ़कर 38.81 करोड़ रूपये हो गयी है। इसके अनुसार, 38.81 करोड़ रूपये की संपत्ति में 23.45 करोड़ रूपये की विरासत में मिली संपत्ति, चल और अचल संपत्ति भी शामिल है।

नामांकन दाखिल करते समय शाह के पास 20,633 रूपये नकदी थे, जबकि उनकी पत्नी के पास 72,578 रूपये थे।

हलफनामे के मुताबिक, शाह और उनकी पत्नी के कई बैंक बचत खाते में 27.80 लाख रूपये थे और 9.80 लाख रूपये के फिक्सड डिपॉजिट हैं। शाह और उनकी पत्नी की आमदनी उनकी नयी आयकर विवरणी (आईटीआर) के मुताबिक 2.84 करोड़ रूपये है।

क्या है कमाई का जरिया?

अमित शाह ने एफिडेविट में लिखा है कि उनकी कमाई का जरिया राज्यसभा के सांसद के तौर पर मिलने वाली सैलरी, किराये पर दी गई संपत्ति, खेती की आय और शेयर बाजार में निवेश है। बीजेपी अध्यक्ष की पत्नी एक गृहिणी हैं। उनकी कमाई का जरिया खेती, शेयर बाजार में निवेश और किराये पर दी गई संपत्ति है।

चार आपराधिक मामले लंबित, लेकिन किसी में भी नहीं ठहराया गया दोषी

शाह ने घोषित किया है कि चार आपराधिक मामले उनके खिलाफ लंबित थे, लेकिन उनमें से किसी में भी उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। शाह के खिलाफ लंबित इन चार मामलों में पश्चिम बंगाल और बिहार में दो-दो पंजीकृत हैं। इस वर्ष नगरपालिका चुनावों के दौरान एक भड़काऊ भाषण को लेकर पश्चिम बंगाल में पहला मामला दर्ज किया गया था।  दूसरा, कोलकाता में एक महानगरीय मजिस्ट्रेट के सामने मानहानि का मुकदमा लंबित था। तीसरा, 2017 में बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में दर्ज किया गया था, जिसमें शाह पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया। हलफनामे में कहा गया कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कुछ टिप्पणी करने के लिए 2015 में बिहार के बेगूसराय में चौथा मामला दर्ज किया गया।

पहली बार लड़ रहे हैं लोकसभा चुनाव

पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को गुजरात में गांधीनगर सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर उन्होंने एक रोड शो किया और रैली को भी संबोधित किया। भाजपा के दो पूर्व अध्यक्षों  राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी, पार्टी के सहयोगी दल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, शिअद सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल और लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान शाह के साथ मंच पर मौजूद थे।