सीईएनएस ने विकसित किया नई चमकदार प्रकाश उत्सर्जित करने वाली टिकाऊ एलईडी ,

नयी दिल्ली,19 अक्टूबर 2022,कुछ अकार्बनिक नैनो-सामग्री के प्लाज्मा ट्रीटमेंट ने उज्ज्वल, स्थिर और सस्ते प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एलईडी) की ओर रास्ता दिखाया है,जो भविष्य में प्रकाश के स्रोत हो सकते हैं।

आम तौर पर सामान्य प्रकाश स्रोतों के रूप में लागत- कुशल और उज्ज्वल प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एलईडी) की मांग होती है, लेकिन वांछित टिकाऊपन और चमक प्राप्त करना उन वैज्ञानिकों के लिए चुनौती रही है, जो वैसी नई सामग्री की तलाश में हैं जो स्थिर है और चमकदार उत्सर्जन उत्पन्न करने के साथ व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हो सकते हैं।

नैनो और मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र (सीईएनएस) के वैज्ञानिकों ने पाया कि सीजियम लेड हैलाइड नैनोक्रिस्टल की अकार्बनिक सामग्री के सरल प्लाज्मा व्यवहार से कई गुना अधिक स्थिरीकरण हो सकता है, जो चमकदार और स्थिर एलईडी की उम्मीद उत्पन्न करता है। सीईएनएस, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान है।

डॉ. प्रलय के. संतारा के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने अकार्बनिक पेरोव्स्काइट नैनो-क्रिस्टल में प्लाज्मा ट्रीटमेंट प्रेरित स्थिरता बढ़ोतरी की एक प्रणाली पाई, जो उनके उत्सर्जन को बढ़ा सकता है। प्लाज्मा ट्रीटमेंट नैनोक्रिस्टल की सतह पर मौजूद कार्बनिक अणुओं, ओलेलैमिन के क्रॉस-लिंकिंग को प्रेरित करता है। यह लिगैंड के एक मजबूत नेटवर्क का निर्माण करता है, बेहतर कैप्सूलीकरण और उच्च पीएल तीव्रता प्रदान करता है। इसके अलावा उन्होंने एक नया जालसाजीरोधी एप्लीकेशन भी प्रस्तुत किया है, जो गोपनीय डबल-लेयर सुरक्षा टैग बनाने के लिए प्लाज्मा ट्रीटमेंट की विधि का उपयोग करता है। इस कार्य के निष्कर्ष को हाल ही में ‘एसीएस एप्लाइड नैनो मैटेरियल्स’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया। इस टीम ने अपनी इस खोज के लिए अनंतिम भारतीय पेटेंट भी दायर किया है और सक्रिय रूप से तकनीक के व्यावसायीकरण के लिए भागीदारों की तलाश कर रही है। @ फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम

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