14 सितंबर को मोदी-आबे करेंगे बुलेट ट्रेन परियोजना का शिलान्यास

NEW DELHI, SEP 7 (UNI):- Minister of State for Communication (Independent Charge) and Railways Manoj Sinha talking to UNI journalists during his visit to UNI Headquarers, in New Delhi on Thursday. UNI PHOTO AK3U

नयी दिल्ली  (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 14 सितंबर को देश की पहली एवं बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला संयुक्त रूप से अहमदाबाद में रखेंगे, रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने आज यहां यूनीवार्ता से बातचीत में इसकी पुष्टि की, उन्होंने कहा कि श्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री 14 सितंबर को अहमदाबाद में इस परियोजना का शिलान्यास करेंगे, आधिकारिक सूत्रो के अनुसार जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का इस माह 12 सिंतबर को भारत में आने का कार्यक्रम है, दोनों नेता 14 सितंबर को भारतीय रेल इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय का शुभारंभ करेंगे, दोनों नेता साबरमती में बुलेट ट्रेन के यार्ड एवं स्टेशन तथा वडोदरा में बनने वाले प्रशिक्षण केन्द्र का शिलान्यास करेंगे.

प्राप्त जानकारी के अनुसार रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कार्यभार संभालने के दो दिन बाद ही इस परियोजना की समीक्षा की है, परियोजना को अमल में लाने के लिये वडोदरा में एक प्रशिक्षण केन्द्र भी बनाया जाएगा जहां जापानी रेलवे पेशेवर भारतीय हाईस्पीड रेल निगम के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे, मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना जापान की शिन्कान्सेन तकनीक पर आधारित है, दोनों देशों के संयुक्त उपक्रम के तौर पर बनने वाली करीब 97 हज़ार 636 करोड़ रुपये की लागत की इस हाईस्पीड ट्रेन परियोजना के लिये जापान वित्तपोषण कर रहा है.

मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के अध्ययन के लिये जापान एवं भारत के बीच 2013 में करार हुआ था लेकिन भारत ने जापान के साथ इस परियोजना के निर्माण एवं वित्तपोषण का समझौता मोदी सरकार के कार्यकाल में 2015 में किया था, इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार 508 किलोमीटर की हाईस्पीड लाइन का निर्माण 2018 से शुरू हो जायेगा और स्टेशनों एवं अन्य सभी सुविधाओं का निर्माण पांच साल में पूरा हो जायेगा, बुलेट ट्रेन परियोजना को मेक इन इंडिया कार्यक्रम से भी जोड़ा गया है.

जापान इसके लिये प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी करेगा, दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक मुंबई का स्टेशन बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स में बनाया जाएगा, बुलेट ट्रेन वहां से सुरंग के रास्ते महानगर से बाहर निकलेगी और धरातल पर कुछ ऊंचाई पर निर्मित पुश्ते पर बनी लाइन पर दौड़ते हुए अहमदाबाद पहुंचेगी, वहां मुख्य स्टेशन अहमदाबाद रेलवे स्टेशन होगा जहां से यात्री आगे की गाड़ियां पकड़ सकेंगे, साबरमती में गाड़ी का यार्ड बनाया जाएगा, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुंबई में यह लाइन भूमिगत होगी और इसके लिये एक 21 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी जिसका सात किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा, बाकी पूरी लाइन एलिवेटेड होगी ताकि भूमि अधिग्रहण कम से कम करना पड़े, अहमदाबाद और साबरमती में रेल ओवरब्रिज और मेट्रो लाइन की वजह से बुलेट ट्रेन की लाइन के पुल की ऊंचाई 20 मीटर तक होने की संभावना है, सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद और वडोदरा के अलावा पूरी लाइन का निर्माण भारतीय कंपनियों से कराया जायेगा जिसकी लंबाई 450 किलोमीटर होगी, कुछ इलाकों में बिजली का काम जापानी कंपनियां करेंगी तथा ट्रैक का काम भी वहीं की कंपनी करेगी, मुंबई से अहमदाबाद तक कुल 12 स्टेशन होंगे – मुंबई, ठाणे, विरार, भोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती।


इस स्टैण्डर्ड गेज लाइन पर द्रुतगामी सेवा की कुल यात्रा अवधि दो घंटे सात मिनट होगी, जबकि हर स्टेशन पर रुकने वाली गाड़ी दो घंटा 58 मिनट में यात्रा पूरी करेगी, गाड़ी की अधिकतम रफ्तार 350 किलोमीटर प्रतिघंटा और वास्तविक गति 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी, सूत्रों ने बताया कि आरंभ में बुलेट ट्रेन के 10 से 12 रैक जापान से मंगाए जाएंगे।


बाद में इन्हे मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बढ़ाया जाएगा, आरंभिक रैक 10 कोच वाले होगें जिनमें 750 लोग यात्रा कर सकेंगे, बाद में 16 कोच वाले रैक परिचालित किये जाएंगे, ये रैक मेट्रो की तर्ज पर इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट की तरह होंगे जो चंद सैकेंड में पूरी गति पकड़ सकेंगे, वर्ष 2023 में दोनों ओर से रोजाना 35 ट्रेनें चलाईं जाएंगी जिनमें करीब 36 हजार लोग यात्रा कर सकेंगे, बुलेट ट्रेन का किराया मुंबई -अहमदाबाद के बीच शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन के वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के किराए के डेढ़ गुने के बराबर होगा, हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि बुलेट ट्रेन को इकोनॉमी श्रेणी में चलाया जाए या फिर इकोनॉमी एवं प्रीमियम की मिश्रित श्रेणी में, वैसा होने पर उस हिसाब से किराये में कुछ अंतर तय किया जा सकता है, इस परियोजना के निर्माण की प्रारंभिक लागत 70 हजार 915 करोड़ रुपए होगी जिसमें भूमि की कीमत शामिल है, परियोजना पूरी होने पर यह लागत 97 हजार 636 करोड़ रुपए होगी.

परियोजना के लागत लाभ अनुपात चार फीसदी और आर्थिक लाभ अनुपात 11.8 प्रतिशत होगा, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) से भारत को 50 साल की अवधि के लिये 79 हजार 165 करोड़ रुपए का ऋण 0.1 प्रतिशत की दर पर मिलेगा जिसे परियोजना पूरी होने के 15 साल बाद चुकाना शुरू किया जाएगा, समझौते के अनुसार कुछ काम सिर्फ जापानी कंपनियां या उनके एवं भारतीय कंपनियों के संयुक्त उपक्रम ही करेेेंगे, इसके साथ ही कुछ सामग्री जापान से ही खरीदी जाएगी, श्री मोदी ने गत वर्ष नवंबर में जापान यात्रा के दौरान श्री आबे के साथ टोक्यो से ओसाका के बीच शिन्कान्सेन हाईस्पीड ट्रेन से यात्रा की थी और बुलेट ट्रेन बनाने वाली कंपनी कावासाकी के संयंत्र का भी दौरा किया था।

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