चीन निर्मित टीका लगाने वालो को वीजा नहीं

(अरुण सिंह चंदेल,वरिष्ठ पत्रकार)
चीन,08.06.2021,कोरोना वायरस की वैक्सीन की डिमांड समस्त संसार में बढ़ी है,भारत एक मात्रा ऐसा देश है जो खुद बना कर अनेक देशो में वैक्सीन दे चूका है। चीन में बनी कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर अनेक देशों में सवाल उठा,ये देश है बहरीन,सऊदी अरब,फिलीपींस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई),इन देशो ने चीनी वैक्सीन की मान्यता और इसके असर पर प्रश्न उठाये है।इंडोनेशिया में चीन की बायोफार्मा कंपनी साइनोवैक की कोविड-19 वैक्सीन ‘कोरोनावैक’ इस्तेमाल के लिए भेजी गयी है।चीन की वैक्सीन को कई देशो ने नक्कारने के बाद अब यह देश भारत से कर रहे कोरोना वैक्सीन की मांग।चीनी दूतावास ने यह कह कर पाकिस्तानियो,अरब देशो ,व समस्त खड़ी देशो को चिंता में डाल दिया है कि वह उन यात्रियों को वीजा जारी करना शुरू करेगा, जिन्होंने कोविड-19 का चीन निर्मित टीका लगवाया होगा और उनके पास टीकाकरण का प्रमाणपत्र होना चाहिए। दूतावास ने एक बयान में यह कहा कि अपने रोजगार कांट्रेक्ट पर आगे काम करने, कामकाज फिर से शुरू करने और अन्य संबंधित गतिविधयों को जारी रखने की इच्छा रखने वाले लोगों की चीन यात्रा के संबंध में मदद करेगा।
आप को बताते चले कि चीन के पास दो वैक्सीन है,सिनोफार्मा और सिनोवैक, दोनों ही वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ से मान्यता भी मिल चुकी है लेकिन अनेक देशों ने इन वैक्सीन को लेकर गंभीर शंका जताई है।खड़ी देशो में सऊदी अरब तो चीन की वैक्सीन लगने का सर्टिफिकेट ही नहीं मान रहा है, उन लोगों के लिए मुश्किल हो गई है जो हज,कारोबार और नौकरी के लिए सऊदी अरब जाने वाले है।यह लोग वह है, जो चीनी वैक्सीन लगवा चुके है,पकिस्तान में भी चीन के सहयोग से बनी वैक्सीन को लेकर अनेक शंकाये है।पाकिस्तान के नागरिको को भी विदेश की यात्रा में जाने के लिए वीसा नहीं मिल रहा है।विदित हो करोना वायरस को लेकर चीन पहले ही अनेक देशो के निशाने पर है ,क्योकि अनेक देश के वैज्ञानिको का कहना है की वायरस न मैन मैड है इसका सम्बन्ध वूहान लैब से है।

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