80 से ज्यादा लापता मासूमों की तलाश कर चुका है यह इन्स्पेक्टर

जैसा कि हम सभी को पता है प्रदेश में आए-दिन बच्चे (children) किडनैप होते रहते हैं। इसके साथ ही बाद में उनका कुछ पता भी नहीं लगता है। ऐसे ही बच्चों के लिए मसीहा बन कर सामने आए हैं इंस्पेक्टर सुनील दत्त दुबे।

अपने सेवाकाल के दौरान 90 से ज्यादा मासूमों को उनके परिजनों से मिलवाया है। उन्हें माता-पिता की उस मुस्कान को देखने की दीवानगी है, बच्चा मिलने के बाद उनके चेहरे पर आती है।

33 थानों में रह चुकी है तैनाती

इस समय भदोही जिले के गोपीगंज कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुनील दत्त दुबे की अब तक 8 जिलों के 33 थानों में तैनाती रह चुकी है। सुनील ने 90 से ज्यादा गुमशुदा बच्चो की बरामदगी करा कर न सिर्फ उनके परिजनों की दुआएं बटोरी है बल्कि जनता के बीच खाकी वर्दी की बेमिसाल छवि भी पेश की है।

बच्चों का पता लगाने की कहानी है दिलचस्प

सुनील बताते हैं कि वह 1997 में मेरठ जनपद में तैनात थे। वहां एक होटल पर 11 साल का बच्चा काम करता था। वह जब 6 साल का था, तब वहां पहुंचा था। पूछने पर वह अपने घर का पता नहीं बता पा रहा था।

 

करीब एक महीने की मेहनत के बाद उन्होंने उस बच्चे के परिजनों को खोज लिया। जब उस बच्चे के माता-पिता आए तो वह सुनील से लिपट कर रोने लगे। सुनील कहते हैं कि उस बच्चे के चहरे पर जो मुस्कान आई और उस पल ने सुनील को ऐसी प्रेरणा दी कि आज भी वह ऐसे ही पल को पाने के लिए लगे रहते हैं।

जिस जिले में वह तैनात होते हैं, वहां गुमशुदा बच्चे ज्यादा संख्या में मिलना शुरू हो जाता है। खास बात ये है कि इनके इस अनुभव को देखते हुए साथी पुलिसकर्मी उनसे इनके गुर सीखते हैं। वहीं सुनील की इस काबिलियत से उनके अधिकारी भी खुश हैं।

8 जिलों में रहे हैं तैनात

इंस्पेक्टर सुनील ने भदोही जिले में बड़ी संख्या में बच्चों को खोजा है। इनमें दो सगी बहनों से लेकर मुंबई से एक बच्चे को खोजना जिले में चर्चा का विषय रहा है। मूलरूप से इटावा के रहने वाले सुनील दत्त दुबे इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर, जौनपुर, सोनभद्र, भदोही सहित कुल 8 जिलो में तैनात रहे।

 

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