BRICS: भारत और चीन के लिए सिरदर्द न बन जाए पुतिन की यह डिमांड

पेइचिंग- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने BRICS सदस्य देशों (भारत, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और रूस) से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ‘प्रतिबंध लगाने वाली नीतियों’ के खिलाफ खड़े होने को कहा है। पुतिन की यह अपील भारत और चीन के लिए चुनौती बन सकती है जहां कंपनियां रोज ही बहुराष्ट्रीय संस्थाओं से डील करती हैं। रविवार को होने वाले BRICS सम्मेलन से पहले पीपल्स डेली ऑनलाइन में छपे एक लेख में पुतिन ने कहा, ‘रूस की इस पहल का मकसद बेहतर प्रतियोगिता के लिए BRICS देशों की एकाधिकार-विरोधी एजेंसियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने वाले प्रभावशाली तंत्र का निर्माण करना है।’ लेख में पुतिन ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य प्रतिबंधित व्यापारिक कार्यों के खिलाफ काम करने के लिए सहयोगी उपायों का पैकेज तैयार करना है।’

समीक्षकों का कहना है कि कुछ पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से पुतिन ऐसे बयान दे रहे हैं। इससे रूसी कंपनियों के लिए वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली काम करने में मुश्किल पैदा हो रही है। अगर रूस इस पर गंभीरता से कोई प्रस्ताव लाने की कोशिश करता है तो भारत और चीन असहज स्थिति में आ जाएंगे।

 

Read More- NBT