तेल अवीव : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26/11 मुंबई हमले में जिंदा बचे मोशे होल्ट्जबर्ग और उसके परिवार से बुधवार को मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर मोशे बेहद रोमांचित दिखा और उसने हिंदी में नमस्ते कह कर प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन किया. इसके साथ ही उसने अपना लिखित संदेश पढ़ा.
उसने कहा कि हमारे देश में आपका स्वागत है. मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं. कृपया मेरे लिए यह स्नेह हमेशा के लिए बरकरार रखिए. आपका धन्यवाद. मेरे माता-पिता को हमेशा याद करिए. मैं आफुला में रहता हूं, लेकिन नरीमन हाउस से अपने रिश्ते के बारे में हमें याद है. मैं आशा करता हूं कि मुंबई का दौरा कर सकूंगा और जब मैं बड़ा हो जाऊंगा, तो वहां रहा सकूंगा. डियर मोदी आइ लव यू एंड आइ लव इंडियन पीपुल…
मोशे ने मोदी को एक तसवीर भेंट की. मोदी ने कहा कि इस विशेष उपहार के लिए तुम्हारा धन्यवाद. प्रधानमंत्री ने मोशे से कहा कि भारत आओ और मुंबई में रहो. तुम्हारा स्वागत है. तुम्हे और तुम्हारे परिवार के सदस्यों को दीर्घकालिक वीजे मिलेंगे. इसलिए तुम किसी भी समय आ सकते हो और कहीं भी जा सकते हो. बता दें कि मुंबई हमले के समय मोशे महज दो साल का था और अब उसकी उम्र 11 साल है. मोदी ने मोशे, उसके दादा-दादी तथा उसकी देखभाल करनेवाली सहायिका सांद्रा सैम्यूल्स से मुलाकात की. मुंबई में नरीमन हाउस पर आतंकियों के हमले के दौरान सांद्रा मोशे लेकर बाहर निकल गयी थी. इस हमले में मोशे के माता-पिता मारे गये थे. वे चाबड़ हाउस के निदेशक थे.
मोदी ने नेतन्याहू को दिया तोहफा
नेतन्याहू ने मोदी को एक तसवीर तोहफे में दी है, जिसमें भारतीय सैनिकों को यरुशलम को आजाद कराने के लिए एक ब्रिटिश सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करते दिखाया गया है. मोदी ने नेतन्याहू को केरल से ले जाकर ऐतिहासिक अवशेषों के दो प्रतिरूप भेंट किये़ यह भारत में यहूदी धर्म से जुड़े पुरावशेष हैं.
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