योगी सरकार की योजनाओं पर खुला प्रहार- जिला चिकित्सालय में हो रहे भ्रष्टाचार को रोक पाने में सीएमओ हो रहे नाकामयाब

बहराइच।(डी0पी0श्रीवास्तव)  एक ओर जहाँ हरिद्वार के जिला चिकित्सालय में डॉक्टर और कर्मचारी असहाय व निराश्रित मरीजों का मुफ़्त इलाज़ कर उनके खाने कपड़े व ठीक होने पर अपने खर्चे से उन्हें घर तक भिजवाने का स्वयं इंतज़ाम कर इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर नया अध्याय लिख रहे हैं वहीँ दूसरी ओर योगी सरकार द्वारा प्रदेश के निरीह,गरीब,दबे कुचले व जरूरतमंदों के स्वास्थ्य समस्याओ पर काबू पाने के भरसक प्रयास व पीड़ितों के लाभार्थ हेतु जो योजनाये लागू की जा रही है उस पर एनआरएचएम घोटाले का इतिहास रचने वाले इस जिले में स्वास्थ्य अधिकारीयों के संरछण में बन रहे भ्रष्टाचार के बड़े बड़े इतिहास मूक एवं बधिरों की भूमिका निभाने वाले सीएमओ के सामने ही योगी सरकार की योजनाओं पर खुला प्रहार कर इतिहास के काले पन्नों में क्लास दर क्लास अपना दाखिला करवाती नज़र आ रही है।

सूत्रों की माने तो एनआरएचएम के अंतर्गत सप्लाई संस्थाओं द्वारा मन चाहे लोगों को काम दिया जा रहा है जिसमे सीएचसी केंद्रो पर रिवाल्विंग चेयर सप्लाई के नाम पर घटिया कुर्सियां सप्लाई कर निर्धारित दाम से दो तीन गुना तक की वसूली की गई है।जबकि दागी संस्थाओं द्वारा घटिया उपकरणों आदि की सप्लाई का मामला भी कोई नया नहीं है।हालाँकि अस्पताली सूत्रों ने नाम न छापने के विशवास पर बताया की कई सामानों का भुगतान सिर्फ कागजी खानापूर्ति के सहारे ही निकाल लिया गया जबकि सामान का कहीं अतापता नहीं है।जिसमे अस्पताल सहित सीएचसी व पीएचसी केंद्रों पर कुत्ता व सांप काटने की वैक्सीन का न होना भी जोड़कर देखा जा रहा है।यही कारण है की उक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर जीवन रच्छक दवाइयों का वर्षों से आभाव बना हुआ है।जिसकी भरपाई योगी सरकार के लाख प्रयास के बाद भी नहीं हो पा रही है।

बताया यह भी जाता है की इस समय एनआरएचएम के तहत स्वास्थ्य केंद्रों पर लगभग तीन तीन गाड़ियों को दर्शाया जा रहा है जबकि वास्तविक स्थित कुछ और ही बयां कर रही है।एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर यह भी बताया की एएनएम,आशबहुओं व छोटे छोटे कर्मचारियों के मानदेय पर भी विभाग के बड़े बड़े अधिकारीयों की निगाहें गिद्ध के माफिक लगी रहती है।

हम आपको यह भी बताते चलें की अर्सा पूर्व जब इस जिले में सीएमओ सीएमओ के बीच तबादला मैच खेला जा रहा था तब अल्प समय के लिए उक्त पद पर अपना पदभार संभालने वाले डी0आर0 सिंह के द्वारा जिला चिकित्सालय में वयापक पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार की जड़ों पर जब कुल्हाड़ी चलाना शुरू किया गया था तब सारे भ्रष्टाचारी अपनी अपनी चूलें हिलता देख एक सूत्र में बंधकर श्री सिंह का तबादला करवाकर ही माने।बताते हैं की जिला चिकित्सालय में श्री सिंह का आगमन ऐसे समय में हुआ था जब यह विभाग भ्रष्टाचार के कहर से कराह रहा था।और आज फिर सीएमओ की भ्रष्टाचार पर रोक न लगा पाने की नाकामयाबियों के कारण एक बार फिर यह विभाग श्री सिंह जैसे तेज तर्रार अधिकारीयों की बाट जोहते देखा जा रहा है।