पद्मविभूषण,पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा का निधन

चिपको आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद पद्मविभूषण व अन्य पुरुष्कारो से सम्मानित सुंदरलाल बहुगुणा का निधन ऋषिकेश स्थित ऐम्स में हुआ,वो एम्‍स में भर्ती थे, कोरोना समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित थे ,1973 वर्ष में सागौन के पेड़ों पर चल रहीं आरियों को रोककर पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा उन पेड़ो पर चिपक कर बचाया इसी लिए उस आंदोलन का नाम चिपको आंदोलन पड़ा।इन्हे वृक्षमित्र भी कहा जाता था।
चिपको आन्दोलन के प्रणेता सुन्दरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी सन 1927 को देवों की भूमि उत्तराखंड के ‘मरोडा’ नामक स्थान पर हुआ ,बहुगणा को कोरोना समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित होने के कारण उन्हे 8 मई को एम्‍स में भर्ती कराया गया था. प्रदेश के मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उनके निधन पर शोक जताया। सीएम रावत ने कहा कि पहाड़ों में जल, जंगल और जमीन के मसलों को अपनी प्राथमिकता में रखने वाले और जनता को उनका हक दिलाने वाले श्री बहुगुणा जी के प्रयास को सदैव याद किया जायेगा।21 मई को दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली,.अस्पताल में उनके परिवार से पुत्र राजीव नयन बहुगुणा, प्रदीप बहुगुणा, पत्नी विमला बहुगुणा व पुत्री माधुरी पाठक मौजूद थी ।

मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट किया, ‘चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार मिला है. यह खबर सुनकर मन बेहद व्यथित है. यह सिर्फ उत्तराखंड के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूरणीय क्षति है.’उनके निधन पर न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि देशभर के जाने-माने पर्यावरण अधिकार कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बहुगुणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है.@अरुण सिंह चंदेल,फोर्थ इंडिया न्यूज़

Be the first to comment

Leave a Reply