भारत,केरल ,समुद्री तट पर आये दिन मछुवारो को लेकर कभी बांग्ला देश,पाकिस्तान और श्री लंका से मतभेद होते रहते है, पर यहाँ पहली बार अलग तरह का मामला केरल का देखने को आया है,साल 2012 में इटली के नौसैनिकों के हाथों दो भारतीय मछुआरों की हत्या का मामला प्रकाश में आया,जो कि .अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों की वजह से भारत को अपने देश में इतालवी नौसैनिकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला बंद करना पड़ा , इटली ने भारत को आश्वासन दिया है कि वो अपने देश में उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामला चलाएगा।
15 जून को इस मामले में भारतीय सुप्रीम कोर्ट अपना आख़िरी फ़ैसला सुनाएगा, इससे पहले कोर्ट ने यह भी कहा था कि भारतीय कोर्ट में केस बंद नहीं किया जाएगा,जब तक इटली की सरकार तय हुआ मुआवज़ा बैंक खाते में ट्रांसफ़र नहीं कर देती, केरल पुलिस की विशेष जांच टीम दो भारतीय मछुआरों की हत्या में नौसैनिकों द्वारा इस्तेमाल किये गये हथियारों की खोज के लिये कल इटली के पोत इनरिका लेक्सी की जांच करेगी। उच्च न्यायालय ने सोमवार तक पोत को कब्जे में रखने का आदेश दिया,विदित हो कि मारे गए मछुआरे जेलेस्टीन की पत्नी डोरम्मा की याचिका पर हाईकोर्ट ने इनरिका लेक्सी को कब्जे में रखने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति वी. रामकुमार और के. हरीलाल की खंडपीठ ने कहा कि पोत को कोच्चि तट पर रोक कर रखा जाना चाहिए क्योंकि इसने डोरम्मा की याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसने एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी थी, पहले एकल न्यायाधीश ने फैसला दिया था कि 25 लाख रूपये जमा करवाकर पोत को रिहा कर दिया जाए,लकिन अब रद्द हो गया है। क्योकि डोरम्मा ने कहा कि जमा राशि कम और अपर्याप्त है अदालत देख रही है कि वास्तव में अप्रयाप्त है ,राशि अपर्याप्त होगी तो बढ़ेगी। पीठ सोमवार को अपील पर सुनवाई करेगी। इटली ने अपने नौसैनिकों को जेल में रखने के बदले भारत से मांगा मुआवजा,यूनाइटेड नेशन ने दावा किया खारिज किया था।
@ फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम .
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