बलिया. यूपी के बहुचर्चित रागिनी दूबे हत्याकांड में फिर से परिजनों को मुंह न खोलने की धमकियां मिल रही है। इस हत्याकांड के बाद रागिनी की छोटी बहन को आरोपी प्रिंस के दोस्तों ने धमकियां देना शुरू कर दिए है। काफी दिनों बाद जब रागिनी की बहन स्कूल जा रही थी तो उसको प्रिंस के दोस्तों ने धमकी देते हुए कहा कि “नहीं मानोगी क्या, जाओगी क्या बहन के पास’। वहीं इस धमकी के बाद रागिनी के पिता गांव छोड़ने को मजबूर है और गांव छोड़कर जाने की बात कह रहे है।
क्या है मामला
-मृतक रागिनी के पिता जितेंद्र दुबे कहते हैं की बड़ी बेटी की मनचलों ने 17 साल में ही गला रेत कर हत्या कर दी।
-थानों से लेकर एसपी ऑफिस के चक्कर लगाए, लेकिन मुख्य आरोपी प्रिंस के अलावा साथी आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं।
-यही नहीं उन्होंने कहा की इस समय उनके गांव बलिया के बासडीह के बड़े बुरे हालत हैं।
-ऐसे में मुझे अब अपना गांव छोड़कर जाना ही होगा।
-एक बेटी को तो दरिंदों ने बीच सड़क पर खुलेआम मौत के घाट उतार दिया।
-लेकिन अभी तीन बेटियां और भी हैं। अगर दूसरी को कुछ हो गया तो मैं जीते जी मर जाऊंगा।
सिया है चश्मदीद
-बता दें कि रागिनी हत्याकांड में सिया ही चश्मदीद गवाह भी है।
-जितेंद्र दुबे कहते हैं कि भले ही मेरी बेटी की हत्या करने वाला प्रिंस सलाखों के पीछे है।
-लेकिन आपराधिक लोगों को जेल में रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
-ऐसे गुनहगारों को ऐसी सजा मिले की लड़कियों को छेड़ने के पहले वो अपनी सजा के बारे में सोचें।
एक महीने बाद फिर से दिए छोटी बहन को धमकी
जितेंद्र दुबे ने कहा कि उनकी 17 साल की बेटी रागिनी की प्रिंस, कृपाशंकर, सोनू तिवारी, नीरज तिवारी ने महज इसलिए हत्या कर दी थी कि उसने छेड़छाड़ का विरोध किया।
-8 अगस्त को जब रागिनी और सिया स्कूल के लिए निकलीं तो बदमाशों ने उसे रास्ते में रोक लिया और छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसकी चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी।
-अब ठीक एक महीने बाद 8 सितंबर को छोटी बेटी स्कूल से आते समय जब बस से उतरी तो प्रिंस के दोस्त दीपू यादव ने बाइक रोककर उसे घूरा, उसके चक्कर काटे, फिर डराते हुए बोला- ‘जाओगी क्या बहन के पास।’
-वो दहशत के मारे भागती हुई घर आई और कांपने लगी।