इस दु:साहसिक घटना के बाद एनेक्सी भवन में जहां सुबह खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों संग बैठक की। वहीं शाम होते-होते प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में भी हाईलेवल मीटिंग हुई है। दोनों मीटिंग में प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह मणि प्रसाद मिश्रा और DGP सुलखान सिंह मौजूद रहे।
बढ़ाई जा रही सुरक्षा
वहीं विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था को और अचूक करने के लिए सीसीटीवी की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा स्मार्ट कार्ड सिस्टम, पर्सनल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम के अलावा सभी गेट पर वाच टावर लगाए जाएंगे।
मामले की विवेचना फिलहाल एटीएस को ट्रांसफर कर दिया गया है।
We’ll scan through CCTV footage. ATS will do a detailed investigation of the spot today: Aseem Arun, IG UP ATS pic.twitter.com/wNgungI53B
— ANI UP (@ANINewsUP) July 14, 2017
हम खंगाल रहे हैं सीसीटीवी फुटेज : आईजी एटीएस
एटीएस के आईजी असीम अरुण की मानें तो जिस चेयर के नीचे प्लाई पर ये पदार्थ पड़ा मिला था उसकी जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है। फिलहाल जांच अधिकारी ये नहीं बता रहे कि उस दिन इस चेयर पर कौन बैठा था।
आतंकी वारदात होने से इंकार नहीं : आईजी एटीएस
वहीं एटीएस आईजी असीम अरुण ने ये भी बताया है कि इस तरह के एक्प्लोसिव मिलने पर इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये आतंकी कार्रवाई है। उन्होंने कहा मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसमें अनलॉफुल एक्टिविटी के अंतर्गत आने वाली धाराएं लगाई गई हैं।
हो सकती है अफसरों पर कार्रवाई
वहीं विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद फिलहाल जिन अफसरों पर कार्रवाई की सुगबुगाहट है उनमें एएसपी विधानसभा राहुल मिठास का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इस मामले में थोड़ी देर पहले ही DGP मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों ने गोपनीय बैठक की है। बैठक में डीजीपी सुलखान सिंह, एडीजी लखनऊ, आईजी एटीएस व कार्मिक विभाग के अफसर मौजूद रहे।
अब इस बड़ी चूक के लिए दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी हो रही है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कुछ ही देर में मामले में प्रथमदृष्टया दोषी पाये जाने वाले अफसरों पर कार्रवाई होने वाली है। इस मामले में विधानसभा के पुलिस अधीक्षक और RI समेत कई अफसरों की जिम्मेदारी मानी जा रही है।
बता दें कि 12 जुलाई को प्रदेश विधानसभा में सफाईकर्मियों को 150 ग्राम संदिग्ध पाउडर मिला था। जिसकी जासूसी कुतिया से जांच कराई गई लेकिन वह फेल रही। इसके बाद पाउडर को फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। लैब रिपोर्ट के अनुसार सदन में पाया गया पाउडर दरअसल पेंटेरीथ्रिटोल टेट्रानेरेट्रेट (पीईटीएन) था, जो कि दुनिया के सबसे खतरनाक विस्फोटकों में शामिल है।