*बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई की नियुक्ति रद्द होने के साथ,उनके विरुद्ध की जाए कार्यवाही- अजय कुमार लल्लू*

(संजय मौर्या ,स्वतन्त्र पत्रकार)

 वाले मंत्री अपने भाई के फर्जी आय प्रमाणपत्र पर मौन क्यों?- अजय कुमार लल्लू*

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि 1621 शिक्षकों की मौत के मामले को नकार कर इसे विपक्ष की साजिश बताने वाले बेसिक शिक्षामंत्री को सामने आकर बताना चाहिए कि पहले से दूसरे विश्वविद्यालय में कार्यरत उनके भाई गरीब कैसे हो गए? उनको निर्धन आय वर्ग का प्रमाणपत्र किसकी सिफारिश पर मिला? सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में उन्होंने एक सामान्य वर्ग के कमजोर अभ्यर्थी का हक क्यों मारा? उन्होंने कहा कि यह एक गम्भीर विषय है कि मंत्री का भाई फर्जीवाड़ा करता है और मंत्री मौन रहता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या विश्वविद्यालय की कुलाधिपति व प्रदेश के मुख्यमंत्री, अपने मंत्री द्वारा अपने भाई को नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाने के षड्यंत्र का खुलासा हो जाने पर कार्यवाही करेगें? उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से यह साबित हो गया है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा को नियम-कानून से कोई लेना देना नहीं है। वह आपदा में अवसर तलाशने वाली प्रजाति की तरह कार्य करने में भरोसा करती है। उसका सामान्य वर्ग के निर्धनों के लिये आरक्षण व्यवस्था में कमजोर अभ्यर्थी का अधिकार हड़पना गलत नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि यह पूरा फर्जीवाड़ा मंत्री के संरक्षण में यदि नही हुआ तो उन्हें अपना मुंह खोलना चाहिये। उनके मौन से साबित हो गया है कि पूरे प्रकरण में उनकी गम्भीर संलिप्तता है और वह *आपदा में अवसर हड़प कर निर्धन का अधिकार ले गए मंत्री के भाई -अजय कुमार लल्लू*

*लखनऊ 23 मई 2021।* उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग के सामान्य कोटे से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए किए गए फर्जीवाड़े में मांग करते हुए कहा कि सामान्य वर्ग के कमजोर लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था गलत तथ्यों से प्राप्त आय प्रमाणपत्र के आधार पर हड़पने की साजिश का खुलासा होने के बाद इस पूरे मामले में संलिप्त लोगो के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाए व बेसिक शिक्षा मंत्री की संलिप्तता की जांच करायी जाए।

*पहले से कार्यरत बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई का कैसे बना निर्धन आय वर्ग का प्रमाणपत्र-अजय कुमार लल्लू*

*निर्धन आय वर्ग का प्रमाणपत्र बनाने वालों के विरुद्ध की जाए कार्यवाही-अजय कुमार लल्लू*

उन्होंने कहा कि पूर्व से ही दूसरे विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत मंत्री के भाई कैसे आर्थिक रूप से कमजोर हो सकते हैं? उनके द्वारा किसकी सिफारिश पर जिला प्रशासन से निर्धन आयवर्ग का प्रमाणपत्र प्राप्त किया गया इसकी जांच भी आवश्यक हो गयी है। यह नियुक्ति पूरी तरह से एक फर्जीवाड़ा है। क्योंकि इसमें गलत तथ्यों के साथ बड़ी सिफारिश के साथ प्रमाणपत्र प्राप्त करने के साथ सामान्य वर्ग के निर्धन आयवर्ग के अभ्यर्थी का अधिकार हड़पा गया है।
बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई की नियुक्ति तत्काल रद्द किए जाने की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह गरीबों व सामान्य वर्ग के आरक्षण पर सत्ता में बैठे लोगों की मिलीभगत से उनके हक पर दिनदहाड़े डाला गया डाका है। एक तरफ उत्तर प्रदेश में लाखों युवा रोजगार के लिये दरबदर भटक रहे हैं, दूसरी तरफ आपदा में अवसर तलाशने वाले नौकरी हड़प रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये वही मंत्री हैं जो पंचायत चुनाव ड्यूटी में कोरोना संक्रमण से ग्रसित होकर अपनी जान गंवाने वाले शिक्षकों की संख्या के आंकड़ों में न सिर्फ हेराफेरा की थी बल्कि मंत्री महोदय अपनी वाह-वाही में उनकी संख्या तीन बताकर 1621 मृतक शिक्षकों के परिवार के गम को गम नहीं मानते हुए संवेदनहीनता का परिचय दे रहे थे। अब अपने भाई की नियुक्ति मामले में मौन साधकर बोलने से मना कर रहे है।

*पंचायत चुनाव में 1621 शिक्षकों की मौत से इंकार करनेसवालों से बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की निष्पक्षता के साथ जांच के अलावा मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी की नियुक्ति तत्काल रद्द करने के साथ उनके विरुद्ध नियम सम्मत कार्यवाही की जाए।

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